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बिहार चुनाव 2025: जब आमने-सामने आए तेजस्वी-तेजप्रताप, जानें फिर क्या हुआ? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।बिहार चुनाव 2025 के बीच पटना एयरपोर्ट पर अचानक लालू यादव के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव का आमना-सामना हुआ, लेकिन दोनों के बीच एक शब्द की भी बातचीत नहीं हुई। यह 'साइलेंट मुलाकात' सियासी गलियारों में नई चर्चा का विषय बन गई है। एक यूट्यूबर के इंटरव्यू के दौरान कैमरे में कैद हुआ यह दृश्य न सिर्फ भाई-भाई के बीच गहरी राजनीतिक दरार को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या इसका असर राजद और महागठबंधन के चुनाव प्रचार पर पड़ेगा। यह घटना साबित करती है कि लालू परिवार में सब ठीक नहीं है।
'क्या शॉपिंग करा रहे हैं भइया?' एयरपोर्ट पर मिली दो सियासी राहें, क्यों तेजस्वी ने छेड़ा, और तेजप्रताप रहे खामोश? यह सिर्फ एक एयरपोर्ट पर हुई मुलाकात नहीं थी यह बिहार की सबसे बड़ी सियासी फैमिली ड्रामा का लाइव टेलीकास्ट था।
मंगलवार को पटना एयरपोर्ट का ड्यूटी-फ्री एरिया एक अजीबोगरीब राजनीतिक मंच बन गया। एक तरफ, महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव अपनी चुनावी रैलियों के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने की तैयारी में थे। दूसरी तरफ, तेजप्रताप यादव, जो अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल आरएसजे के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं, भी चुनावी दौरे पर निकलने वाले थे। जब दोनों भाई लगभग एक ही समय पर सामने आए, तो हवा में अचानक तनाव सा छा गया।
यूट्यूबर ने किया बड़ा खुलासा कैमरे में कैद हुई खामोशी
यह पूरा घटनाक्रम यूट्यूबर समदीश भाटिया के कैमरे में कैद हुआ, जो उस समय तेजप्रताप यादव का इंटरव्यू कर रहे थे। तेजप्रताप एयरपोर्ट पर फैबइंडिया स्टोर में एक काली 'बंडी' एक तरह की जैकेट खरीद रहे थे। ठीक उसी समय, तेजस्वी यादव वहां पहुंचे। उन्होंने समदीश भाटिया को देखा और मजाकिया अंदाज में कहा, “क्या शॉपिंग करा रहे हैं भइया?” समदीश ने जवाब दिया, “वो हमको गिफ्ट दे रहे हैं।” इस पर तेजस्वी ने हंसते हुए कहा, “आप बहुत लकी हैं।” यह बातचीत हल्की-फुल्की और हंसमुख थी, लेकिन इसका एक पक्ष चौंकाने वाला था तेजस्वी ने मज़ाक किया, भाई को अप्रत्यक्ष रूप से छेड़ने की कोशिश की।
लेकिन, तेजप्रताप यादव पूरे समय खामोश रहे। उन्होंने न तो कोई अभिवादन किया, न ही अपने छोटे भाई की बात पर कोई प्रतिक्रिया दी। यह खामोशी, बातचीत से ज्यादा शोर मचा गई। तेजस्वी के साथ उस समय विकासशील इंसान पार्टी VIP प्रमुख मुकेश सहनी भी मौजूद थे, जिसने इस पूरे दृश्य को और भी हाई-प्रोफाइल बना दिया।
क्यों टूटी लालू परिवार की एकता? चुनावी मैदान में दो भाई, दो राहें
यह 'साइलेंट मुलाकात' ऐसे वक्त पर हुई है, जब लालू परिवार के दोनों बेटों के बीच वैचारिक और राजनीतिक मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। यह मतभेद अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं रहे, बल्कि चुनावी मैदान तक पहुंच गए हैं। तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनता दल राजद और महागठबंधन का चेहरा हैं, जो पार्टी की विरासत संभाल रहे हैं। तेजप्रताप यादव अब अपनी अलग पार्टी जनशक्ति जनता दल के बैनर तले मैदान में हैं। उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि वे अब राजद के साथ नहीं हैं।
राजनीति में भाई-भाई का अलग होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन बिहार की राजनीति में लालू परिवार का टूटना राजद के कोर वोट बैंक पर गहरा असर डाल सकता है।
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मतभेदों की लंबी फेहरिस्त कब-कब दिखी दरार?
दोनों भाइयों के बीच की खाई रातों-रात नहीं बनी है। इसके पीछे कई बड़ी घटनाएं हैं, जो सार्वजनिक रूप से सामने आईं।
महुआ सीट का विवाद: तेजप्रताप यादव ने अपनी पुरानी महुआ सीट वैशाली से चुनाव लड़ने की घोषणा की, जहां से उन्होंने 2015 में जीत हासिल की थी। 2020 में उन्हें हसनपुर सीट समस्तीपुर से उतारा गया था, जिससे उनके समर्थक नाराज थे। महुआ लौटने की उनकी जिद ने पार्टी के भीतर भी हलचल मचाई।
तेजप्रताप का कड़ा बयान: उन्होंने कुछ समय पहले सार्वजनिक रूप से कहा था कि "राजद में लौटने से अच्छा मौत को चुनना होगा।” यह बयान राजद से उनके पूर्ण अलगाव का सबसे बड़ा सबूत है।
व्यक्तिगत जीवन का विवाद: पिता लालू प्रसाद यादव से उनका विवाद तब और गहराया, जब तेजप्रताप ने सोशल मीडिया पर एक महिला से अपने 12 साल पुराने रिश्ते का दावा किया। यह तब हुआ जब उनका तलाक मामला कोर्ट में लंबित है। यह विवाद न सिर्फ परिवार के भीतर, बल्कि राजद की छवि पर भी बुरा असर डाल रहा है।
बड़ा सवाल तेजस्वी-तेजप्रताप की खामोशी क्या राजद के लिए खतरे की घंटी है?
बिहार चुनाव 2025 बेहद करीबी मुकाबला साबित होने वाला है। ऐसे में लालू परिवार की कलह विपक्षी दलों को एक बड़ा मौका दे सकती है।
चुनावी गणित पर संभावित असर: वोटों का बंटवारा Vote Division
तेजप्रताप यादव अपनी जनशक्ति जनता दल के जरिए जिन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहां वे राजद के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। उनके समर्थक लालू परिवार के प्रति निष्ठा रखते हैं, और उनका वोट बंटना सीधे तौर पर राजद के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा सकता है।
इमेज का संकट: एयरपोर्ट पर हुई यह 'साइलेंट मुलाकात' यह संदेश देती है कि लालू परिवार बिखरा हुआ है। एक परिवार जो खुद एकजुट नहीं है, वह राज्य को क्या एकजुट करेगा? यह सवाल विरोधी दल जोर-शोर से उठाएंगे, जिससे तेजस्वी यादव की सीएम उम्मीदवारी की छवि पर असर पड़ सकता है।
भावनात्मक अपील पर चोट: लालू प्रसाद यादव ने हमेशा अपने परिवार को एकजुट दिखाया है। लेकिन अब, परिवार की यह टूट राजद के समर्थकों की भावनात्मक अपील पर चोट कर रही है।
"लालू परिवार की यह कलह बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा 'अनकंट्रोल्ड वेरिएबल' है। अगर तेजप्रताप कुछ सीटों पर 5 से 10 हजार वोट भी काटते हैं, तो यह सीधे तौर पर कई सीटों पर राजद की हार का कारण बन सकता है। एयरपोर्ट की खामोशी एक राजनीतिक विस्फोट की निशानी है।"
- डॉ. एसके मिश्रा, वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक
लालू परिवार के समर्थक अभी भी दुविधा में हैं कि वे परिवार की विरासत तेजस्वी के साथ जाएं, या बागी तेवर तेजप्रताप के साथ। इस कलह का आखिरी असर 10 नवंबर को मतगणना के दिन ही पता चलेगा।
Tejashwi Vs Tej Pratap | bihar election 2025 | Lalu Family Rift | Bihar Political Crisis | Patna Airport Silence
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