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बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) की तैयारियां जोरों पर हैं, और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया है कि "महाराष्ट्र चुनाव फिक्स था और अब बिहार चुनाव को भी फिक्स करने की तैयारी चल रही है।" उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल में सभी संवैधानिक संस्थाओं (Constitutional Institutions) को हाईजैक कर लिया गया है।
"चुनाव आयोग BJP के इशारे पर काम करता है" – तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग (Election Commission) चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से पहले ही BJP के आईटी सेल (BJP IT Cell) को पता होता है कि चुनाव कब होने वाला है।" उन्होंने आगे कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को निष्पक्ष रूप से चुनाव कराना चाहिए, लेकिन "अगर ये संस्थाएं ही बर्बाद हो जाएंगी, तो जनता को न्याय कहां मिलेगा?
2020 बिहार चुनाव में धांधली का दावा
तेजस्वी यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2020) को याद दिलाते हुए बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जब वोट गिनने की प्रक्रिया चल रही थी, तब RJD की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन अचानक शाम को गिनती रोक दी गई। फिर देर रात 11-12 बजे गिनती शुरू हुई और हमारे जीते हुए उम्मीदवारों को 12, 100 या 500 वोटों से हरा दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने पहली बार तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सफाई दी थी, जो साबित करता है कि धांधली हुई थी।
तेजस्वी यादव के इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में गर्मी बढ़ गई है। विपक्ष का आरोप है कि BJP चुनाव आयोग और प्रशासनिक तंत्र (Administrative Machinery) का इस्तेमाल करके चुनावी नतीजों को प्रभावित करती है।