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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी हलचल और तेज होती जा रही है। जहां एक ओर महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर असमंजस और मतभेद जारी हैं, वहीं दूसरी ओर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने साफ संकेत दे दिया है कि वह इस बार किसी पर निर्भर नहीं रहने वाली। पार्टी ने अपने 5 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसके साथ अब तक वीआईपी कुल 11 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है।
वीआईपी की नई सूची को पार्टी की रणनीतिक चाल माना जा रहा है। इस सूची में प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद को चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। सुगौली विधानसभा सीट से पार्टी ने पुराने कार्यकर्ता मनोज सहनी को टिकट दिया है। मनोज सहनी लंबे समय से वीआईपी से जुड़े हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। वहीं बिहपुर सीट से अर्पणा कुमारी मंडल को उम्मीदवार बनाया गया है। अर्पणा मंडल वीआईपी की उन महिला नेताओं में हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है।
कटिहार विधानसभा क्षेत्र से वीआईपी ने युवा चेहरा सौरभ अग्रवाल को टिकट दिया है। व्यापारिक पृष्ठभूमि से आने वाले सौरभ अग्रवाल स्थानीय युवाओं और व्यापारियों के बीच लोकप्रिय हैं। इसके अलावा केसरिया सीट से वरुण विजय को प्रत्याशी बनाया गया है, जिनकी साफ-सुथरी छवि और जनता से जुड़ाव पार्टी के लिए लाभदायक माना जा रहा है।
इससे पहले वीआईपी अपनी पहली सूची में छह उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। इनमें भोगेन्द्र सहनी (औराई), राकेश कुमार (बरुराज), संतोष सहनी (गौड़ाबौराम), उमेश सहनी (दरभंगा शहरी), गणेश भारती (कुशेश्वरस्थान) और नवीन निषाद (आलमनगर) शामिल हैं। इन सभी उम्मीदवारों की घोषणाओं के साथ पार्टी ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वीआईपी बिहार चुनाव 2025 में अपनी स्वतंत्र पहचान और जनाधार को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
महागठबंधन में असमंजस, वीआईपी ने चुनी अलग राह
जहां एक तरफ आरजेडी और कांग्रेस में कई सीटों को लेकर अभी भी मतभेद कायम हैं, वहीं वीआईपी ने गठबंधन की प्रतीक्षा छोड़कर अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि अगर महागठबंधन में उन्हें उचित सम्मान और सीटें नहीं मिलतीं, तो पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
निषाद वोट बैंक पर वीआईपी की पकड़ मजबूत करने की कोशिश
वीआईपी का पारंपरिक आधार निषाद समुदाय रहा है, जो बिहार की कई विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है। पार्टी इस बार सिर्फ निषाद समाज ही नहीं, बल्कि अति पिछड़े वर्गों और युवाओं को भी जोड़ने की कोशिश में है। मुकेश सहनी ने हाल के महीनों में सोशल मीडिया और जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से पार्टी की छवि सुधारने और संगठन को जिलास्तर तक मजबूत करने पर जोर दिया है।
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