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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पीढ़ियों के संघर्ष का भी प्रतीक बन गया है। इस चरण में 121 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार आमने-सामने हैं और आंकड़े बताते हैं कि इस बार उम्र और अनुभव दोनों ही कारक मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं।
शपथ पत्रों के विश्लेषण से सामने आया है कि महागठबंधन के उम्मीदवार अपेक्षाकृत युवा हैं। उनकी औसत आयु 50 वर्ष है, जबकि एनडीए उम्मीदवारों की औसत आयु 52 वर्ष रही। दोनों गठबंधनों के उम्मीदवारों की कुल औसत आयु इस चरण में 51 वर्ष है।
एनडीए में 15 उम्मीदवार और महागठबंधन में 9 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी उम्र 65 वर्ष या उससे अधिक है। जदयू ने सबसे ज्यादा 11 वरिष्ठ नेताओं को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने 4, राजद ने 5, सीपीआई ने 3 और कांग्रेस ने 1 वरिष्ठ उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर, 35 वर्ष से कम उम्र के कुल 20 उम्मीदवार भी इस बार चुनावी अखाड़े में हैं। इनमें राजद के 6, जदयू के 5, लोजपा और भाजपा के 3-3, माले के 2 और सीपीआई के 1 युवा उम्मीदवार शामिल हैं।
सबसे वरिष्ठ उम्मीदवारों में हरनौत से जदयू के हरिनारायण सिंह और सीवान से राजद के अवध बिहारी चौधरी हैं, दोनों की उम्र 78 वर्ष है। वहीं, सबसे युवा चेहरा भाजपा की मैथिली ठाकुर हैं, जो अलीनगर सीट से केवल 25 वर्ष की उम्र में चुनाव लड़ रही हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि बिहार का यह चुनाव केवल विचारों की नहीं, बल्कि पीढ़ियों की जंग बन चुका है।
कई सीटों पर वरिष्ठ उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। नालंदा में 66 वर्षीय श्रवण कुमार और 60 वर्षीय कौशलेंद्र कुमार आमने-सामने हैं, जबकि बरबीघा और तेघड़ा जैसी सीटों पर भी 60 साल से अधिक उम्र वाले उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। वहीं, कई जगह युवा उम्मीदवारों ने बुजुर्ग नेताओं को चुनौती दी है। संदेश में 28 वर्षीय दीपू सिंह 67 वर्षीय राधाचरण सिंह से भिड़ रहे हैं, जबकि अलीनगर में 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर का सामना 63 वर्षीय विनोद मिश्र से है।
गायघाट में जदयू की 30 वर्षीय कोमल सिंह राजद के 53 वर्षीय निरंजन राय को चुनौती दे रही हैं, और फतुहा में 69 वर्षीय राजद प्रत्याशी रामानंद यादव के सामने लोजपा की 29 वर्षीय रूपा कुमारी खड़ी हैं। ये मुकाबले न केवल दिलचस्प हैं बल्कि यह भी दिखाते हैं कि बिहार की राजनीति अब धीरे-धीरे पीढ़ीगत बदलाव के दौर में प्रवेश कर रही है।
पहले चरण में 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के कुल 10 उम्मीदवार हैं, जिनमें जदयू के हरिनारायण सिंह, पन्नालाल पटेल, नरेंद्र नारायण यादव, कृष्ण मुरारी शरण, गुंजेश्वर साह, भाजपा के राघवेंद्र प्रताप, राजद के अवध बिहारी चौधरी और सीपीआई के रामरतन सिंह तथा अवधेश राय जैसे अनुभवी नाम शामिल हैं। ये नेता राजनीति में दशकों का अनुभव रखते हैं और अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं।
दूसरी तरफ, युवा उम्मीदवारों की सूची भी आकर्षक है। भाजपा की मैथिली ठाकुर, राजद की शिवानी शुक्ला और दीपू सिंह, जदयू की रवीना कुशवाहा और कोमल सिंह, तथा लोजपा की रूपा कुमारी जैसे युवा चेहरे बिहार की राजनीति में नई दिशा देने की कोशिश में हैं।
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