पटना, वाईबीएन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और राजधानी पटना अब राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर बुलाई गई महागठबंधन की रणनीतिक बैठक शुरू होने से पहले ही घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर जबरदस्त तनातनी सामने आई है।
सीपीआईएमएल की बढ़ती दावेदारी से भड़की सीपीआई
सीपीआईएमएल द्वारा 45-50 सीटों पर लड़ने की सार्वजनिक दावेदारी ने महागठबंधन में उबाल ला दिया है। भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे "महागठबंधन की साझा रणनीति के विरुद्ध" बताया है। तेजस्वी यादव जो इस बैठक के संयोजक हैं, उन्हें अब न सिर्फ NDA के मुकाबले अपनी रणनीति दुरुस्त करनी है, बल्कि INDIA गठबंधन के भीतर के मतभेदों को भी संभालना है। एक ओर कांग्रेस अभी भी सीएम चेहरे को लेकर असमंजस में है, वहीं वीआईपी और CPIML तेजस्वी को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम घोषित कर चुकी है।
बैठक का एजेंडा क्या है?
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सीट शेयरिंग पर प्राथमिक चर्चा
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चुनावी मुद्दों पर एकमत रणनीति
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महागठबंधन के नए संभावित सहयोगी
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सोशल इंजीनियरिंग और उम्मीदवार चयन मापदंड
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मुख्यमंत्री चेहरे पर आंतरिक सहमति
बिहार में महागठबंधन के भीतर शुरू हुई यह किचकिच उस व्यापक असहमति की प्रतीक है, जिससे INDIA ब्लॉक गुजर रहा है।
जहां एनडीए में स्पष्ट नेतृत्व और ठोस रणनीति है, वहीं विपक्षी गठबंधन की दिशा और नेतृत्व दोनों ही अस्थिर नजर आते हैं। सीपीआई और सीपीआईएमएल जैसे वैचारिक दलों के बीच यह टकराव दिखाता है कि गठबंधन में सिद्धांत से ज्यादा सीट अहम हो चुकी है।
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