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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच महागठबंधन एक बार फिर सीट बंटवारे को लेकर संकट में फंस गया है। सूत्रों के मुताबिक, राजद और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही है।
तेजस्वी यादव दिल्ली से पटना लौट चुके हैं, लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें अहमियत देने से परहेज किया। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि राजद ने कांग्रेस को 50 से 55 सीटों का प्रस्ताव दिया है, जबकि कांग्रेस 65 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है। कांग्रेस ने साफ संकेत दिए हैं कि 65 से कम सीटों पर वह चुनाव मैदान में उतरने को तैयार नहीं है। इस स्थिति ने महागठबंधन की रणनीति को अधर में लटका दिया है।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक शेर साझा कर इस अंतर्कलह को अप्रत्यक्ष रूप से उजागर कर दिया। उन्होंने लिखा कि
“रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय,
टूटे से फिर न मिले, मिले गाँठ परिजाय।”
मनोज झा के इस ट्वीट को कोट रीट्वीट करते हुए जवाब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी काव्यात्मक अंदाज में दिया। उन्होंने लिखा कि
“पानी आंख में भर कर लाया जा सकता है,
अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है।”
इमरान का यह जवाब सियासी नर्मी के साथ यह संकेत देता दिखा कि बातचीत की गुंजाइश अब भी बाकी है, लेकिन धैर्य की डोर कमजोर पड़ने लगी है।
राजद का कहना है कि कांग्रेस सीटों को लेकर ज़रूरत से ज्यादा जिद दिखा रही है, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर असर पड़ रहा है। वहीं कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि उनकी मांग जायज है क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर और संगठन दोनों मजबूत हुए हैं।
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