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लोकसभा की चोट को विधानसभा में जीत में बदलने की कोशिश में जुटी BJP और NDA अब चुनावी मोर्चेबंदी को तेज करने जा रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई में दो बार बिहार का दौरा कर सकते हैं। यह दौरे सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से रणनीतिक माने जा रहे हैं—खासकर मगध और शाहाबाद जैसे क्षेत्रों में, जहां एनडीए को पिछली बार कड़ा झटका लगा था।
पहला पड़ाव: पटना में 'खेलो इंडिया' से राजनीतिक पिच
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी (PM Modi) का पहला संभावित दौरा 4 मई को पटना में हो सकता है, जहां वे खेलो इंडिया के उद्घाटन समारोह में हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन इस मंच का उपयोग केवल खेलों के प्रचार के लिए नहीं, बल्कि युवा मतदाताओं को साधने के रूप में भी देखा जा रहा है।
दूसरा दौरा: शाहाबाद की ज़मीन पर राजनीतिक संकल्प
30 मई को शाहाबाद, संभवतः औरंगाबाद या सासाराम, में पीएम की रैली की तैयारी चल रही है। यह क्षेत्र, जहाँ 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने ज़्यादातर सीटें जीत ली थीं, अब एनडीए के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुका है।
क्यों हैं मगध और शाहाबाद अहम?
2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने बिहार की 9 सीटों में से 7 यहीं से जीती थीं। RJD, Congress और वाम दलों की ये बढ़त अब बीजेपी और सहयोगियों के लिए बड़ा इशारा है कि मिशन 2025 की सफलता इसी जमीन पर टिकी है।
BJP की कोर कमेटी अलर्ट मोड में
पीएम मोदी (PM Modi) के दौरे को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और मंगल पांडे जैसे बड़े नेता मौजूद रहे। संगठन को सक्रिय करने, बाबा साहेब अंबेडकर सम्मेलन, और प्रदेश कमेटी के गठन जैसे एजेंडा तय किए गए।
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