बिहार की राजनीति में एनडीए गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने साफ शब्दों में कहा है कि सीटों का बंटवारा समय से होना चाहिए, वरना शाहाबाद और मगध क्षेत्र में फिर से हार का सामना करना पड़ेगा। यह बयान 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए की इन क्षेत्रों में हार के बाद आया है।
"एकजुटता का संदेश जाना चाहिए" - कुशवाहा की मांग
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कुशवाहा ने कहा कि सीट आगे-पीछे हो सकती है, लेकिन एनडीए के सभी दलों को एक स्वर में रहना चाहिए। जनता के बीच यह संदेश जाना चाहिए कि गठबंधन में हर दल को सम्मान मिला है। अगर एकजुटता का यह संदेश नहीं पहुंचा, तो शाहाबाद और मगध की सभी सीटें फिर से चली जाएंगी।
2024 चुनाव में क्या हुआ था?
-
शाहाबाद और मगध की सभी 4 सीटें (गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा) महागठबंधन के खाते में गई थीं।
-
कुशवाहा पहले ही "भीतरघात" का आरोप लगा चुके हैं, जिससे एनडीए को नुकसान हुआ।
परिसीमन को लेकर भी उठाए सवाल
इससे पहले शनिवार को मुजफ्फरपुर रैली में कुशवाहा ने एक और विवादित मुद्दे को उठाया कि दक्षिण भारत के राज्य परिसीमन रोकने की साजिश कर रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान हिंदी पट्टी के राज्यों को उठाना पड़ रहा है।