बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। NDA के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के ताजा बयानों ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। मांझी ने बिना नाम लिए ही LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान पर निशाना साधा है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने लगे हैं – "क्या NDA में सब कुछ ठीक है?"
जीतन राम मांझी ने लगाए आरोप
मांझी ने कहा – जो ताकतवर खुद को समझते हैं, वे दुनिया को दिखाने के लिए बोलते हैं। असली ताकतवर वक्त आने पर अपनी शक्ति दिखाते हैं। चिराग पासवान के आरा रैली में भीड़ का जिक्र करते हुए उन्होंने "प्रबंधन" पर सवाल उठाया। इमामगंज उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा – जिन्हें आना था, वे नहीं आए। 2024 लोकसभा चुनाव में "2 लोकसभा + 1 राज्यसभा सीट का वादा" टूटने का दर्द भी जाहिर किया।
चिराग पासवान की पार्टी का जवाब
LJP नेताओं ने मांझी के बयानों को "असहजता की निशानी" बताया। सांसद अरुण भारती ने कहा कि अगर किसी को हमारी सफलता बुरी लगती है, तो यह उनकी सोच की समस्या है। वहीं राजेश वर्मा (खगड़िया सांसद) ने व्यंग्य कसा – प्रबंधन सीखिए, भीड़ जुटाना आता है तो दिखाइए।
NDA में क्यों बढ़ रहा तनाव?
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सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद
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चिराग पासवान 40+ सीटों की मांग कर रहे हैं।
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मांझी की HAM भी अधिक सीटें चाहती है।
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BJP और JDU के बाद LJP को प्राथमिकता मिलने से मांझी असहज।
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चिराग का बढ़ता प्रभाव
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2024 में LJP ने 5/5 सीटें जीतीं, जबकि HAM सिर्फ 1 पर सिमटी।
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पासवान समाज के अलावा OBC-EBC वोट भी चिराग पासवान को मिला है।
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नीतीश कुमार का रुख
क्या NDA टूटेगी?
चिराग पासवान समझौता वार्ता में कम सीटें मानने को तैयार नहीं। मांझी प्रेशर पॉलिटिक्स खेल रहे हैं, लेकिन BJP उन्हें LJP जितना महत्व नहीं देती। BJP दोनों को साधने की कोशिश में है, लेकिन चुनाव नजदीक आने पर फैसला करेगी।