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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों में उठापटक तेज़ हो गई है। इस सियासी हलचल के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और उसके नेता तेजस्वी यादव को बड़ी कामयाबी मिली है। एनडीए की तीनों प्रमुख पार्टियों—भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP)—में सक्रिय रहीं पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रेणु कुशवाहा ने आज औपचारिक रूप से आरजेडी का दामन थाम लिया।
तेजस्वी यादव ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ उनके राजनीतिक सहयोगी राघवेंद्र कुशवाहा ने भी राजद की सदस्यता ग्रहण की।
रेणु कुशवाहा बिहार की राजनीति में जाना-पहचाना नाम हैं। वह तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं। इसके अलावा दो बार बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता आर. के. राणा की पत्नी को हराकर सियासी हलकों में मजबूत पहचान बनाई थी।
रेणु कुशवाहा का अपना जातीय और क्षेत्रीय वोट बैंक है, जो खासकर कुशवाहा समाज से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उनके आरजेडी में शामिल होने से तेजस्वी यादव को बिहार के मध्यवर्ती इलाकों में नए वोट बैंक का फायदा मिल सकता है।
कौन हैं रेणु कुशवाहा?
रेणु कुशवाहा बिहार की जानी-मानी राजनीतिक हस्ती हैं, जिनका राज्य की राजनीति में मजबूत प्रभाव रहा है। रेणु कुशवाहा बीजेपी, जेडीयू और लोजपा तीनों के साथ काम कर चुकी हैं। इसलिए उनके राजनीतिक अनुभव और नेटवर्क का प्रभाव केवल एक सीट तक सीमित नहीं रहेगा। उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है:
तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं।
दो बार बिहार सरकार में मंत्री रहीं।
1999 में JDU के टिकट पर RJD की वरिष्ठ नेता आर.के. राणा की पत्नी को हराया था।