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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025: नाम बचाना है तो जानिए चुनाव आयोग के 16 सबसे जरूरी जवाब

Bihar Voter List Revision 2025: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है। नाम वोटर लिस्ट में बनाए रखना है तो इन 16 सवालों के जवाब ज़रूर पढ़ें। जानिए जरूरी फॉर्म, डॉक्यूमेंट और आयोग की गाइडलाइन।

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YBN Bihar Desk
Election Commission
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बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू किया गया विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) 2025 मतदाता सूची को अपडेट करने की एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल है। यह प्रक्रिया 25 जून से शुरू होकर पूरे जुलाई तक चलेगी, जिसमें प्रत्येक नागरिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में बना रहे। यह पुनरीक्षण सामान्य से अलग इसलिए है क्योंकि यह 22 वर्षों बाद यानी 2003 के बाद पहली बार हो रहा है।

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आयोग के अनुसार, जिन नागरिकों के नाम 2003 की वोटर लिस्ट में थे, उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना है—बस फॉर्म भरकर देना है। लेकिन 2004 के बाद जिनका नाम जोड़ा गया है, या जो हाल ही में 18 वर्ष के हुए हैं, उन्हें जन्म और स्थायी निवास के सबूत सहित चुनाव आयोग द्वारा अनुमोदित 11 दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा।

चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए 16 प्रमुख सवालों के जवाब (FAQs) जारी किए हैं, जिससे मतदाता भ्रम से बच सकें और उनका नाम वोटर लिस्ट में बना रहे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि गणना फॉर्म (Enumeration Form) भरना अनिवार्य है, चाहे आपके पास वोटर ID हो या नहीं। यदि 27 जुलाई 2025 तक फॉर्म नहीं जमा हुआ, तो 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाली Draft Voter List में नाम नहीं जोड़ा जाएगा।

फॉर्म घर-घर जाकर बीएलओ (Booth Level Officer) द्वारा वितरित किया जाएगा। अगर बीएलओ नहीं आए, तो मतदाता https://voters.eci.gov.in या ECINet App से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं।

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महत्वपूर्ण यह है कि आम डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस को इस बार मान्यता नहीं दी गई है। आयोग ने साफ किया है कि केवल 11 विशेष डॉक्यूमेंट—जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, सरकारी पहचान पत्र या सरकारी आवास आवंटन पत्र ही मान्य होंगे।

विशेष पुनरीक्षण में यह भी निर्धारित किया गया है कि जन्म की तारीख के आधार पर किसे कौन से दस्तावेज देने हैं। मसलन, जो नागरिक 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में पैदा हुए हैं, उन्हें केवल अपनी पहचान संबंधी दस्तावेज देना है। वहीं 2004 के बाद जन्मे मतदाताओं को माता-पिता के दस्तावेज भी देने होंगे।

अगर आप बिहार के बाहर रह रहे हैं, तो भी चिंता की बात नहीं। फॉर्म और दस्तावेज ऑनलाइन भरकर और जमा कर सकते हैं। बीएलओ बाद में आपके स्थायी पते पर सत्यापन के लिए आएंगे।

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इस बार आयोग की प्रक्रिया पारदर्शिता और जिम्मेदारी के नए स्तर पर पहुंची है। आयोग की वेबसाइट के साथ-साथ ECINet App पर BLO, ERO और DEO के नंबर भी उपलब्ध हैं। किसी भी असुविधा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क किया जा सकता है।

यह पूरी कवायद न सिर्फ मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि आने वाले विधानसभा या लोकसभा चुनावों में कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रह जाए।

इस प्रक्रिया में देरी या लापरवाही आपकी वोटिंग पात्रता खत्म कर सकती है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि आपका नाम वोटर लिस्ट में बना रहे, तो चुनाव आयोग की वेबसाइट या ऐप पर जाकर फॉर्म डाउनलोड करें, जरूरी दस्तावेज संलग्न करें और तय समय सीमा से पहले जमा कर दें।

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