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बिहार की सियासी ज़मीन चुनावी रंग में रंगने लगी है और इसी के साथ चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIRe) की प्रक्रिया को तेज़ गति से आगे बढ़ाया है। 24 जून 2025 से शुरू हुए इस अभियान में अब तक कुल 5.87 करोड़ गणना प्रपत्र जमा हो चुके हैं, जो कि कुल अपेक्षित मतदाताओं का 74.39% हिस्सा है।
चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य भर में 7.90 करोड़ मतदाताओं में से हर चार में तीन लोगों ने फॉर्म भरकर जमा कर दिया है। इन प्रपत्रों को डिजिटलीकरण और अपलोडिंग के लिए BLO ऐप और ECINet का उपयोग किया जा रहा है। अब तक 3.73 करोड़ से अधिक फॉर्म इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए सफलतापूर्वक डिजिटाइज कर अपलोड किए जा चुके हैं।
इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए ECINet में नया मॉड्यूल जोड़ा गया है, जिसके जरिए AERO (सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी) और ERO (निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी) स्तर पर अपलोड किए गए फॉर्मों का सत्यापन किया जा सकेगा। इससे फर्जी या त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों पर अंकुश लगेगा और अंतिम मतदाता सूची अधिक सटीक बन पाएगी।
फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 25 जुलाई 2025 तय की गई है और इसके लिए राज्य भर में 77,895 स्थायी और 20,603 नव नियुक्त BLO लगातार फील्ड में सक्रिय हैं।
बिहार चुनाव आयोग ने SIRe के दूसरे चरण में घर-घर जाकर मतदाता प्रपत्र भरवाने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत BLO नागरिकों से सीधा संपर्क कर रहे हैं और भरे हुए फॉर्म संग्रहित कर रहे हैं। इसके अलावा 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO), 243 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (ERO), और 963 सहायक ERO क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी कर रहे हैं ताकि कोई भी क्षेत्र या समूह छूट न जाए।
इस प्रक्रिया को समावेशी बनाने के लिए 4 लाख से अधिक स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है, जो वृद्ध, बीमार, दिव्यांग और असहाय मतदाताओं की सहायता कर रहे हैं। वहीं 1.56 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLA), जिन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किया गया है, भी सक्रिय रूप से इस कार्य में भागीदारी कर रहे हैं।