नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः बिहार चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम है। इसे पार्टी का थिंक टैंक बखूबी समझते हुए चुनाव को जीतने के लिए संजीदगी से रणनीति तैयार कर रहा है। इसी कड़ी में 150 बीजेपी नेताओं की एक टीम बनाई गई है। जो 14 सवालों का पुलिंदा लेकर 2.75 करोड़ ऐसे लोगों तक पहुंच बना रही है जो हैं तो बिहार के लेकिन अरसे से दूसरे सूबों में रह रहे हैं। Assembly election Bihar | about bihar
प्रवासी बिहारियों को चुनाव में अपने पाले में खींचने की जुगत में बीजेपी
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 150 बीजेपी नेता 14 सवाल लेकर प्रवासी बिहारियों की तलाश कर रहे हैं। बीजेपी को पता है कि चुनाव अक्टूबर में होने हैं। उस दौरान बिहार से बाहर रहने वाले ज्यादातर लोग वापस अपने घर लौट आते हैं, क्योंकि तब छठ पूजा होती है। ऐसे में ये वोटर बीजेपी के पाले में आ जाएं तो गेम चेंजर बन सकते हैं। यही वजह है कि बीजेपी के नेता देश भर की गलियों की खाक छानकर शिद्दत से प्रवासी बिहारियों की तलाश में जुटे हैं।
14 सवालों के पुलिंदे में तमाम जानकारियां जुटाई जा रहीं
“आम बिहारी प्रवासियों की जानकारी” के शीर्षक से बनाए गए पुलिंदे में 14 सवाल शामिल हैं। सवालों के जरिये बिहार के उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है जो अक्सर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते हैं। लोगों से उनका फोन नंबर, पता कामकाज, सामाजिक श्रेणी, विधानसभा क्षेत्र, जिले के बारे में पूछा जा रहा है। उनसे ये भी पूछा जा रहा है कि वो बीजेपी के समर्थक हैं भी या नहीं। इसके जरिये ये पता लगाया जा रहा है कि जिससे मुलाकात हुई है वो बीजेपी के पक्ष में कितने लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर सकता है। एक सवाल ये भी है कि प्रवासी का अपने गृह जिले या विधानसभा क्षेत्र में कितना प्रभाव है। इसमें वोटर आईडी को लेकर भी सवाल है। अगर सामने वाले के पास वोटर आईडी नहीं है तो बीजेपी नेता उसकी मदद करेंगे।
पांच हजार वोट भी हमारे पाले में आए तो नतीजा बदल जाएगा- बीजेपी
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि अगर हमारे पास हर विधानसभा का डिटेल है। 243 विधानसभा क्षेत्रों में से तकरीबन हर क्षेत्र में 15 से 20 हजार प्रवासी हैं। अगर हम इनमें से 5 हजार को भी अपने पक्ष में कर लेते हैं तो चुनाव का नतीजा पूरी तरह से बदल सकता है। यही वजह है कि बीजेपी के 150 संजीदा नेताओं को प्रवासियों की पहचान करके उन्हें बीजेपी के पाले में लाने का जिम्मा दिया गया है। बीजेपी ने इसकी मुहिम मार्च में तबसे शुरू कर दी थी जब बिहार दिवस का कार्यक्रम हुआ था। 11 दिवसीय कार्यक्रम पर बीजेपी महासचिव तरुण चुघ और सीनियर नेता दुष्यंत कुमार गौतम ने बारीकी से नजर रखी थी। तभी ये योजना बनी।
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