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बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब उसके प्रदेश उपाध्यक्ष सकलदेव दास सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता रविवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शामिल हो गए। ये घटनाक्रम बसपा के लिए राजनीतिक संकट जैसा है, जो पहले ही बिहार में पैर जमाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास और सामाजिक न्याय की नीतियों से प्रभावित होकर यह कदम उठाया है। जदयू कार्यालय पटना स्थित वीरचंद पटेल पथ पर आयोजित मिलन समारोह में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सभी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
कई ज़िला स्तरीय नेता भी हुए शामिल
शामिल होने वालों में जमुई जिला अध्यक्ष आदित्य प्रकाश रौशन, लोकसभा प्रभारी मनोज दास, उदय रविदास, संजय कुमार भारती, नागेश्वर रविदास, सुबोध कुमार, और सुनील कुमार सुमन जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भी जदयू का दामन थामा।
बसपा के अकेले लड़ने के ऐलान पर पड़ा असर?
गौरतलब है कि हाल ही में बसपा ने घोषणा की थी कि वह बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और किसी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। रामजी गौतम ने यह ऐलान किया था। लेकिन जिस तरह से पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव के ठीक पहले पार्टी छोड़ रहे हैं, उससे यह साफ संकेत मिलता है कि संगठनात्मक ढांचा कमजोर है।