बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने एक बार फिर सियासी उठा-पटक शुरू कर दी है। पिछले दिनों उनके जीजा और जमुई सांसद अरुण भारती (Arun Bharti) ने कहा था कि चिराग इस बार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसके बाद बिहार की राजनीति में तूफान आ गया था। लेकिन अब नई जानकारी सामने आई है कि चिराग खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि यह सब NDA में सीटों की संख्या (Seat Sharing) बढ़ाने की रणनीति थी।
क्या है पूरा मामला?
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चिराग पासवान ने हाल ही में संकेत दिया था कि वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
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इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे और क्या उन्हें उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) का पद भी मिलेगा।
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लेकिन अब पता चला है कि चिराग का चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है, बल्कि यह NDA में सीटों की मांग को लेकर दबाव बनाने की रणनीति थी।
सीटों का गणित: BJP vs LJPR
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BJP का ऑफर: भाजपा ने LJP को 28 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है।
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चिराग की मांग: LJPR नेता 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, हालांकि वे 35 पर समझौता कर सकते हैं।
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प्रेशर पॉलिटिक्स: चिराग ने चुनाव लड़ने की बात करके BJP पर दबाव बनाने की कोशिश की, ताकि सीटों की संख्या बढ़ सके।
चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जो बयानबाजी की, वह सिर्फ सीटों की संख्या बढ़ाने की रणनीति थी। अब देखना यह है कि BJP उनकी मांगों पर कितना झुकती है और क्या 2025 के चुनाव में NDA एकजुट रह पाएगी।