बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक तापमान दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर दलों के बीच सीट बंटवारे की गहमागहमी है, वहीं एनडीए गठबंधन के प्रमुख चेहरे चिराग पासवान ने अपने ताज़ा इंटरव्यू में कई गंभीर और राजनीतिक रूप से अहम बातें रखीं। इंटरव्यू में चिराग पासवान ने साफ कहा कि वे चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन इस पर अंतिम फैसला उनकी पार्टी लेगी।
चिराग पासवान ने दावा किया कि कई लोग ऐसा चाहते हैं कि मैं बिहार से चुनाव न लड़ूं। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैंने हमेशा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। मगर पार्टी ही तय करेगी कि मेरे चुनाव में उतरने से संगठन को लाभ होगा या नहीं।
एनडीए के मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह की उपस्थिति में चिराग पासवान ने जो सियासी संकेत दिए, वे कई चर्चाओं को जन्म दे चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंच पर किसी ने उन्हें चुनाव न लड़ने के लिए नहीं कहा। बल्कि, उन्होंने पीएम मोदी के अनुभव साझा करने का हवाला देते हुए कहा कि यह सुझाव या सलाह नहीं, बल्कि संवाद था।
चिराग का यह बयान तब आया है जब बिहार में एनडीए की रणनीति और सीट बंटवारे को लेकर कई अटकलें चल रही हैं। लोजपा (रामविलास) और जेडीयू के बीच यह पहला चुनाव है जब दोनों एक ही मंच पर चुनाव लड़ रहे हैं। चिराग ने इसे "ऐतिहासिक परिस्थिति" बताते हुए कहा कि हमारे पास अनुभव है, और गठबंधन आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है।
उन्होंने उपचुनावों की मिसाल देते हुए कहा कि बेलागंज जैसी सीटों पर हमारी जीत इस बात का संकेत है कि हमारा गठबंधन जमीन पर असरदार है। वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर चिराग ने साफ कहा कि "बिहार में सीटों का बंटवारा क्वालिटी और मजबूती के आधार पर होगा, न कि केवल संख्या के आधार पर। हर दल को उनकी ताकत के अनुसार जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो यह कहता है कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता, वह अपना एजेंडा चला रहा है। उनके अनुसार, वे इस चुनाव में न केवल सक्रिय रहेंगे, बल्कि अगर पार्टी ने जिम्मेदारी दी, तो वे पूरी ताकत से मैदान में उतरेंगे।