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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने गति पकड़ ली है। रविवार, 8 जून को NDA के दो प्रमुख सहयोगी चिराग पासवान (LJP-R) और उपेंद्र कुशवाहा (RLSP) ने अलग-अलग मंचों से जोरदार चुनावी शुरुआत की। जहां चिराग ने आरा में 'नव संकल्प महासभा' के जरिए शाहाबाद क्षेत्र में पार्टी की मजबूती का संदेश दिया, वहीं कुशवाहा ने मुजफ्फरपुर में 'संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली' में अपनी ताकत दिखाई।
चिराग पासवान की शाहाबाद चुनावी रणनीति
LJP-R अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने शाहाबाद क्षेत्र (आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट) को अपना प्रचार केंद्र बनाकर सियासत में सनसनी फैला दी है। इस क्षेत्र की खासियत है:
2020 विधानसभा चुनाव में NDA को यहां 20 में से सिर्फ 2 सीटें मिली थीं
2024 लोकसभा में भी इस क्षेत्र की सभी 4 सीटें (आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट) NDA से हार गई थीं
चिराग का लक्ष्य: "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" के नारे के साथ महागठबंधन के गढ़ को तोड़ना
पार्टी के बिहार प्रभारी अरुण भारती ने दावा किया कि "1 लाख से अधिक समर्थकों ने रैली में शिरकत की।" सूत्रों के मुताबिक, चिराग खुद शाहाबाद की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जो NDA के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
उपेंद्र कुशवाहा का कुर्सी संदेश
वहीं, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLSP) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मुजफ्फरपुर में 13 जिलों के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनका मुख्य मुद्दा था:
परिसीमन सुधार के जरिए OBC/SC/ST के अधिकारों की रक्षा
तिरहुत, सारण और दरभंगा क्षेत्र में पार्टी का विस्तार
कुशवाहा की यह रैली NDA में उनकी सियासी हैसियत को मजबूत करने का संकेत देती है।
NDA सीट बंटवारे का गणित
सत्तारूढ़ गठबंधन ने सीटों का बंटवारा लगभग तय कर लिया है:
JDU: 102-103 सीटें
BJP: 101-102 सीटें
LJP-R: 25-28 सीटें
HAM: 6-7 सीटें
RLSP: 4-5 सीटें