बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) नजदीक आते ही महागठबंधन (Mahagathbandhan) के भीतर मुख्यमंत्री (CM) पद को लेकर घमासान शुरू हो गया है। अब तक यह लगभग तय माना जा रहा था कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की तरफ से तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ही महागठबंधन के नेतृत्व और मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे। वाम दलों और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने भी तेजस्वी के नाम का समर्थन किया है। लेकिन कांग्रेस की रणनीति और तेवर कुछ अलग ही दिखाई दे रहे हैं।
पटना में लगा नया पोस्टर, सियासत में नई हलचल
पटना में कुछ प्रमुख चौराहों पर लगे एक पोस्टर ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। इस पोस्टर में कांग्रेस नेता संजीव कुमार सिंह को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की गई है। पोस्टर में कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीरें भी हैं, जिससे यह पोस्टर एक संगठनात्मक स्वरूप में दिखता है। पोस्टर पर लिखा गया है कि “बिहार को अगले 10 वर्षों में विश्व के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना! बिहार का अगला मुख्यमंत्री संजीव कुमार सिंह को बनाएं।”
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कौन हैं संजीव कुमार सिंह?
पोस्टर लगाने वाले उनके समर्थक राजीव कुमार सिंह के मुताबिक, संजीव कुमार सिंह कांग्रेस के नेता हैं, सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और बिहार-झारखंड के पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं। वे कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ से भी जुड़े हुए हैं। लेकिन आम जनता और राजनीतिक गलियारों में उनकी सियासी पकड़ उतनी मजबूत नहीं मानी जाती है जितनी तेजस्वी यादव की।
इस पोस्टर ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि कांग्रेस अंदर ही अंदर तेजस्वी यादव को बतौर सीएम उम्मीदवार स्वीकारने से कतरा रही है। कांग्रेस पहले भी कह चुकी है कि मुख्यमंत्री पद का निर्णय चुनाव के बाद होगा, यानी सीटों के प्रदर्शन के आधार पर। यह पोस्टर चाहे व्यक्तिगत प्रयास हो, या कांग्रेस की किसी रणनीति का हिस्सा—इसने महागठबंधन के अंदर अंतर्विरोधों को सतह पर ला दिया है। एक ओर तेजस्वी यादव लगातार खुद को महागठबंधन का नेता घोषित कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस अपना रास्ता खुला रखना चाहती है।