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Explainer : जमीन से आसमान तक सियासी जंग, पटना एयरपोर्ट बना 'चुनावी कमांड सेंटर' | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी जंग अब जमीन से आसमान तक पहुंच गई है। मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर घोषित होते ही पटना एयरपोर्ट 'चुनावी कमांड सेंटर' बन गया है। एनडीए गठबंधन, खासकर बीजेपी हेलीकॉप्टर प्रचार में बढ़त बनाए हुए है, जिससे यह सवाल उठ गया है कि हवाई ताकत से जमीन की बाजी कितनी पलटेगी।
बिहार की चुनावी राजनीति अब केवल धरातल पर नहीं लड़ी जा रही, बल्कि अब यह लड़ाई आसमान में भी निर्णायक मोड़ ले चुकी है। जैसे ही चुनाव आयोग ने दो चरणों- 6 और 11 नवंबर- को मतदान की तारीखें तय कीं, पटना का जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अचानक से देश की सबसे बड़ी राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है।
बिहार की राजधानी पटना का आसमान अब राजनेताओं के हेलीकॉप्टरों की गूंज से गूंजने वाला है, जो इस बात का संकेत है कि इस बार सियासी मुकाबला 'हवाई मोड' में भी लड़ा जाएगा।
बिहार जैसे राज्य में जहां कई इलाके दूरदराज और कनेक्टिविटी के मामले में चुनौतीपूर्ण हैं, वहां कम समय में ज्यादा से ज्यादा रैलियां करने के लिए हेलीकॉप्टर ही सबसे कारगर हथियार साबित होते हैं। यह सुविधा न केवल स्टार प्रचारकों की पहुंच सुनिश्चित करती है, बल्कि दलों की रणनीतिक ताकत और संसाधन क्षमता को भी दर्शाती है।
हवाई प्रचार की रेस एनडीए का पलड़ा भारी क्यों?
अगर हम हवाई ताकत की बात करें तो एनडीए गठबंधन, जिसमें भाजपा और जदयू शामिल हैं, फिलहाल विपक्षी महागठबंधन से आगे दिखाई दे रहा है।
बीजेपी और जदयू की हवाई तैयारी: भारतीय जनता पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने 5 से 6 हेलीकॉप्टरों का बेड़ा तैयार रखा है। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य स्टार प्रचारक करेंगे। इनकी बदौलत राज्यभर में एक साथ कई जगहों पर चुनावी रैलियों की 'बाढ़' लाने की तैयारी है।
जनता दल यूनाइटेड JDU: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास भी दो हेलीकॉप्टर हैं, जो उन्हें सीमांचल से लेकर मगध तक के क्षेत्रों में त्वरित अभियान चलाने की गति देंगे।
गठबंधन की कुल ताकत: इस तरह एनडीए गठबंधन के पास कुल 7 से 8 हेलीकॉप्टरों की एक मजबूत हवाई ब्रिगेड तैयार है, जो उन्हें चुनाव प्रचार में एक स्पष्ट बढ़त दे रही है।
महागठबंधन की रणनीति क्या कम संसाधन से जीत की उड़ान?
विपक्षी महागठबंधन राजद और कांग्रेस भी हवाई प्रचार की दौड़ में शामिल है, लेकिन संसाधनों के मामले में उन्हें कुछ कमी का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल RJD: लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की टीम के पास फिलहाल दो हेलीकॉप्टरों की व्यवस्था है।
कांग्रेस Congress: कांग्रेस के पास तीन हेलीकॉप्टर हैं, जो मुख्य रूप से पार्टी नेता राहुल गांधी की 'न्याय यात्रा' और अन्य बड़े अभियानों को उड़ान देंगे।
अन्य दलों की उपस्थिति: सीमांचल क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम AIMIM भी एक हेलीकॉप्टर के सहारे चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मत: सियासी पंडितों का साफ कहना है कि एनडीए के पास जहां सात-आठ हेलीकॉप्टर हैं, वहीं महागठबंधन के पास फिलहाल पांच हेलीकॉप्टर हैं, जो उनके विशाल चुनावी अभियानों के लिए पर्याप्त नहीं माने जा रहे। यह संसाधनों का अंतर चुनावी रैलियों की संख्या और पहुंच पर सीधा असर डाल सकता है।
पटना एयरपोर्ट पर सुरक्षा का कड़ा पहरा, क्यों हो रही है सख्त जांच?
चुनावी मौसम को देखते हुए पटना एयरपोर्ट प्रशासन पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है। मुख्य सुरक्षा और व्यवस्था पार्किंग क्षमता एयरपोर्ट प्रबंधन ने कुल 30 हेलीकॉप्टरों की पार्किंग क्षमता को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारियां की हैं।
उड़ान का समय: सुबह आठ बजे से उड़ानें शुरू होंगी और शाम छह बजे तक सभी हेलीकॉप्टरों को वापस लौटना होगा।
एयरपोर्ट प्रशासन का अनुमान है कि प्रतिदिन लगभग 12 से 15 हेलीकॉप्टर 10 अक्टूबर से उड़ान भरना शुरू कर देंगे।
हेलीकॉप्टर से आने वाले नेताओं की भी होगी जांच: चुनावी पारदर्शिता और काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए इस बार एयरपोर्ट पर खास सख्ती बरती जा रही है।
सामान की जांच: बुधवार से हेलीकॉप्टर या चॉपर से आने वाले नेताओं के सामान की भी जांच अनिवार्य होगी। इसके लिए आगमन क्षेत्र में एक विशेष एक्स-रे स्कैनर लगाया गया है।
आयकर विभाग की टीम: आयकर Income Tax विभाग की एक विशेष टीम एयरपोर्ट पर तैनात की गई है। यह टीम न केवल उड़ान भरने से पहले बल्कि उतरने के बाद भी जांच करेगी।
लैगेज और चॉपर की जांच: यह टीम नेताओं के साथ जाने वाले लैगेज की बारीकी से जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर की भी जांच की जा सकती है।
आम यात्रियों के लिए राहत: अच्छी खबर यह है कि चुनाव के दौरान हवाई जहाज से यात्रा करने वाले आम यात्रियों को कोई अतिरिक्त परेशानी नहीं होगी। वे पूर्व से निर्धारित 10 लाख रुपये नकद और एक किलोग्राम तक सोने का गहना लेकर यात्रा कर सकते हैं।
हेलीकॉप्टर का हवाई किराया: चुनावी खर्च का एक बड़ा हिस्सा हेलीकॉप्टरों का किराया चुनावी खर्च का एक बड़ा हिस्सा होता है, जो दलों की वित्तीय ताकत को भी दर्शाता है।
सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों का कहना है कि कम से कम तीन घंटे के लिए प्रतिदिन बुकिंग करना अनिवार्य है।
डिमांड बढ़ी: हेलीकॉप्टर बुकिंग से जुड़े प्रवीण जैन ने बताया कि सभी दल अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बुकिंग के लिए संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 'जन सुराज' और 'वीआईपी' जैसी पार्टियों के लोग भी संपर्क में हैं और उनकी कंपनी अधिकतम 18 हेलीकॉप्टर उपलब्ध करा सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी जंग अब जमीन के साथ-साथ आसमान में भी जोर-शोर से लड़ी जाएगी। जहां एनडीए गठबंधन अपने हेलीकॉप्टरों के बड़े बेड़े के साथ हवाई प्रचार में बढ़त बनाए हुए है, वहीं महागठबंधन भी अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि जमीनी मुद्दों और जनसंपर्क का असर ज्यादा होगा या आसमान में उड़ते नारों और स्टार प्रचारकों की 'हवाई ताकत' का। एक बात स्पष्ट है, बिहार का यह चुनाव हवाई और जमीनी दोनों स्तरों पर एक ऐतिहासिक मुकाबला बनने वाला है, जहां हर उड़ान एक सियासी संदेश देगी।
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