पटना में शनिवार को मीडिया से मुखातिब हुए तृणमूल सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी और उनके सहयोगियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने पुराने मित्र मिथुन चक्रवर्ती पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मिथुन एक अच्छे कलाकार जरूर हैं, लेकिन राजनीति में उनकी कोई गहराई नहीं है। "उन्हें राजनीति में लाया गया है, वे कभी विधायक, सांसद या पार्षद नहीं रहे। राज्यसभा भी ममता बनर्जी की कृपा से मिली थी," सिन्हा ने कटाक्ष भरे अंदाज़ में कहा।
मीडिया पर भड़के शत्रुघ्न सिन्हा
हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार और मीडिया को आड़े हाथों लिया। "तीन मौतें हुई हैं—एक पिता-पुत्र और एक मुस्लिम युवक की। लेकिन इसे हिंदू-मुस्लिम रंग दिया जा रहा है। मीडिया जरूरत से ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रही है," उन्होंने आरोप लगाया। सिन्हा ने इसे मोदी सरकार की "प्रोपेगेंडा पॉलिटिक्स" बताया और कहा कि इस संवेदनशील माहौल में तनाव बढ़ाने के बजाय मरहम लगाने की ज़रूरत है।
INDIA गठबंधन की हालिया बैठक और उसमें तेजस्वी यादव को समन्वय समिति में प्रमुख भूमिका मिलने पर उन्होंने खुशी जताई। "तेजस्वी को यह जिम्मेदारी मिलना अच्छा संकेत है," सिन्हा ने कहा, हालांकि बिहार की राजनीति पर उन्होंने ज्यादा टिप्पणी करने से परहेज़ किया।
चिराग पासवान के उस बयान पर कि वह बिहार के लिए केंद्र सरकार का पद भी छोड़ सकते हैं, शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो जरूर सोच-समझकर कहा होगा। जो भी नेता बिहार लौटना चाहते हैं, चाहे किसी भी पार्टी से हों, उनका स्वागत है।"
इस बातचीत में उन्होंने निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, "इस पर बाद में बोलूंगा, लेकिन हैरान जरूर हूं।"
शत्रुघ्न सिन्हा का ये बयान आने वाले दिनों में सियासी हलचल को और तेज कर सकता है।