बिहार की सियासत में विपक्ष ने अब साफ तौर पर अपनी चालें तेज कर दी हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन पूरी तरह से मोर्चा संभालने की तैयारी में है। इसी कड़ी में कल यानी रविवार को महागठबंधन की तीसरी और बेहद अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें पूरे राज्य की चुनावी रणनीति का रोडमैप तैयार किया जाएगा। यह बैठक दीघा-आशियाना रोड स्थित दीघा रिसॉर्ट में सुबह 10:30 बजे से शुरू होगी, जहां महागठबंधन के सभी घटक दल—राजद, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दलों (CPM, CPI, CPI-M)—के शीर्ष नेता, विधायक, सांसद, MLC, जिला अध्यक्ष और सचिव स्तर के पदाधिकारी भाग लेंगे।
कार्यकर्ताओं को मिलेंगे ज़मीनी टास्क
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सिर्फ गठबंधन के भीतर समन्वय ही नहीं, बल्कि हर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपना और ज़मीनी स्तर पर एक्टिविटी प्लान तैयार करना है। इससे पहले 17 अप्रैल को महागठबंधन की पहली बैठक हुई थी, जिसमें तेजस्वी यादव को कोऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया था। इसके बाद दूसरी बैठक 24 अप्रैल को कांग्रेस कार्यालय में हुई थी, जहां तेजस्वी को गठबंधन का चेहरा माने जाने पर सहमति बनी थी।
तेजस्वी की दो टूक: चुनाव बाद बदलेगा मुख्यमंत्री
दूसरी बैठक में तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि जब तक चुनाव है, तब तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। लेकिन चुनाव के बाद तस्वीर बदलेगी। महागठबंधन का जो चेहरा होगा, वही मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने जदयू पर हमला करते हुए कहा कि अब जदयू नाम की कोई पार्टी नहीं, वो पूरी तरह बीजेपी में समा गई है।
कांग्रेस अब भी चेहरे को लेकर स्पष्ट नहीं
बैठकों में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भले ही तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेता माना हो, लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि कांग्रेस रणनीति के तहत अभी अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोल रही है।