बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच निषाद समाज को लेकर सियासत चरम पर है। वीआईपी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने बीजेपी पर करारा हमला करते हुए साफ कर दिया है कि अब निषाद समाज झोला नहीं उठाएगा, अधिकार मांगेगा। उनका बयान सीधे-सीधे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के उस कथन का जवाब था जिसमें उन्होंने कहा था कि "मुंबई से आए लोग झोला उठाने लायक नहीं हैं।"
मुकेश सहनी ने अमित शाह पर लगाया आरोप
सहनी ने कहा कि "जो लोग अपने समाज के लिए संघर्ष करते हैं, उन्हें झोला उठाने वाला कहना उनकी मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा ने 20 वर्षों में निषाद आयोग नहीं बनाया, अब वादे कर रही है। निषाद समाज अब जाग चुका है।" उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने मंत्री और MLC पद का वादा किया था, लेकिन उसे निभाया नहीं गया।
बिहार में निषाद समाज की उपस्थिति कई जिलों में निर्णायक है, खासकर दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर और छपरा जैसे क्षेत्रों में। सहनी का यह बयान न सिर्फ सामाजिक प्रतिनिधित्व की बात करता है बल्कि यह BJP की OBC और EBC वोट बैंक राजनीति को सीधे चुनौती देता है।
सहनी ने एक और बड़ा एलान किया कि जल्द ही "फुले" फिल्म को हर जिले, हर गांव में प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जाएगा। उनका उद्देश्य सामाजिक जागरूकता फैलाना है। उन्होंने कहा कि हम फुले की विचारधारा को गांव-गांव तक ले जाएंगे। हर थिएटर में फिल्म दिखाएंगे।