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बिहार की राजनीतिक रंगभूमि पर एक नया विवाद छिड़ गया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2024 में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले पर कांग्रेस नेता और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रस्सी जल गई, पर ऐंठन नहीं गई।
AAP के इस फैसले ने इंडिया गठबंधन के भीतर नई बहस छेड़ दी है। बिहार में RJD और कांग्रेस के मजबूत गठजोड़ के बावजूद, केजरीवाल ने अकेले ही NDA से मुकाबला करने की घोषणा की है। यह कदम उनकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या यह विपक्षी एकजुटता को नुकसान पहुंचाएगा?
पप्पू यादव ने केजरीवाल के फैसले पर व्यंग्यात्मक प्रहार करते हुए कहा कि सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन रस्सी जल गई, पर ऐंठन नहीं गई।" उन्होंने आगे कहा कि वे बिहार के गरीबों के लिए जान देने को भी तैयार हैं, जो साफ संकेत है कि वे AAP को बिहार में बाहरी ताकत मानते हैं।
क्या AAP बिहार में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी?
दिल्ली में AAP ने कांग्रेस का वोट बैंक पूरी तरह खत्म कर दिया था। अब बिहार में उनकी एंट्री से सवाल उठ रहा है कि क्या वे यहां भी कांग्रेस की हवा निकाल देंगे?