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पटना, वाईबीएन डेस्क। चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पहली बार चुनावी मैदान में उतरी जन सुराज पार्टी (जेएसपी) ने ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जो एनडीए और महागठबंधन दोनों को चुनौती दे रहे हैं। पार्टी ने शराबबंदी हटाने, रोजगार, शिक्षा सुधार और पलायन रोकने के वादे के साथ जनता का भरोसा जीतने की कोशिश की है।
“लालू और नीतीश नहीं रोक पाए पलायन”
सारण जिले के सोनहो में अमनौर सीट से प्रत्याशी राहुल कुमार सिंह ने अपने समर्थकों के साथ प्रचार अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि 15 साल लालू और 20 साल नीतीश कुमार के शासन के बावजूद बिहार में पलायन नहीं रुका, शिक्षा का स्तर कम है और उद्योगों का अभाव है। जेएसपी इन समस्याओं को हल करने का दावा करती है। लोगों की सबसे बड़ी उम्मीद शराबबंदी हटाने, 60 साल से ऊपर पेंशन बढ़ाने, बच्चों की पढ़ाई मुफ्त करने और पलायन रोकने जैसी योजनाओं से जुड़ी है।
एनडीए और महागठबंधन, दोनों होंगे प्रभावित
जन सुराज पार्टी (जेएसपी) बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उम्मीदवारों में पूर्व आईएएस, आईपीएस, वकील, वैज्ञानिक और गणितज्ञ शामिल हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी का किसी जाति पर विशेष आधार नहीं है, लेकिन प्रशांत किशोर महागठबंधन और एनडीए दोनों के वोट शेयर को प्रभावित कर सकते हैं।
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