बिहार की सियासत में एक बार फिर बयानबाज़ी की चिंगारी से आग भड़क उठी है। इस बार जंग है जन स्वराज के अगुवा प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Chaudhary) के बीच। जहां PK ने अशोक चौधरी पर "पैसे लेकर बेटी को सांसद बनवाने" जैसा गंभीर आरोप लगाया, वहीं अशोक चौधरी अब इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
PK का तीखा वार
प्रशांत किशोर ने जमुई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "बिहार की राजनीति में वो लोग आगे बढ़ते हैं जिनके पास पैसा है। अशोक चौधरी ने अपनी बेटी को टिकट पैसे देकर दिलवाया है। अगर किसी में दम है, तो हमारे फंडिंग को जांच ले। हम न ठेकेदारी करते हैं, न शराब-बालू माफिया से जुड़ाव है। हमने अपनी मेहनत की कमाई से जन स्वराज खड़ा किया है।"
उन्होंने ये भी कहा कि जन स्वराज उन युवाओं के लिए है जिनके पास संसाधन नहीं, लेकिन क्षमता है — ना कि उनके लिए जिनके पिता विधायक हैं या जिनके पास टिकट खरीदने के लिए पैसा है।
अशोक चौधरी का पलटवार
PK के बयान के बाद अशोक चौधरी ने इसे "मानहानि" मानते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम दलित परिवार से हैं। हमारे पास तलवार नहीं, लेकिन कानून का सहारा है। PK ने जो कहा, वह झूठा, अपमानजनक और नीच राजनीति है। हम उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रशांत किशोर की पार्टी पर उन्होंने पहले फंडिंग को लेकर सवाल खड़े किए थे, और शायद उसी का जवाब PK ने व्यक्तिगत हमला करके दिया है।
सवालों के घेरे में दोनों नेता
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या PK द्वारा लगाए गए आरोपों की कोई सच्चाई है या यह केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया थी? और यदि अशोक चौधरी अदालत का रुख करते हैं, तो क्या PK अपनी बातों को कानूनी रूप से साबित कर पाएंगे?