कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार (6 जून) को बिहार के नालंदा में एक बड़े OBC-EBC सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह उनका इस साल का छठा बिहार दौरा था, जिसे कांग्रेस की बिहार में वापसी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। खास बात यह है कि नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है, जहां राहुल ने "संविधान सुरक्षा सम्मेलन" के जरिए सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन पर निशाना साधेंगे।
दौरे की खास बातें: गया से नालंदा तक
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दशरथ मांझी को श्रद्धांजलि – राहुल ने सबसे पहले गया में 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और उनके परिवार से मुलाकात करेंगे।
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महिला संवाद सम्मेलन – गया में ही उन्होंने महिलाओं से संवाद कर "न्याय और समानता" के मुद्दे उठाएंगे।
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OBC-EBC जुटान – नालंदा के राजगीर में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और OBC समुदाय को संबोधित कर कांग्रेस ने नीतीश के वोट बैंक में दखल देने की कोशिश करेंगे।
नीतीश कुमार पर सीधा हमला
दौरे से पहले ही राहुल ने सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश को घेरते हुए लिखा:
"20 साल की सत्ता के बाद भी नीतीश जी की सरकार बिहार को न सुरक्षा दे पाई, न सम्मान। अपराध, बेरोजगारी और पलायन—यही इनकी पहचान बन चुकी है। अब बहुत हुआ, समय आ गया है कि हम अन्याय के इस चक्र को तोड़ें।"
क्यों अहम है नालंदा का दौरा?
नीतीश का गढ़: नालंदा में राहुल का कार्यक्रम सीधे सीएम के घर की राजनीति में दखल देने की रणनीति है। OBC-EBC वोट बैंक: बिहार की 36% आबादी इन वर्गों की है, जिन्हें कांग्रेस अपने पक्ष में करना चाहती है। संविधान अभियान: "पलायन रोको, नौकरी दो" और "शिक्षा न्याय" जैसे मुद्दों को उठाकर युवाओं और महिलाओं को लुभाने की कोशिश।
कांग्रेस की बिहार रणनीति
राहुल गांधी का यह दौरा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की जमीनी तैयारी का हिस्सा है। पार्टी RJD के साथ मिलकर महागठबंधन 2.0 बनाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ OBC-EBC और दलित वोटों को साधने पर फोकस है और बिहार में कांग्रेस अब सीधे नीतीश पर हमला कर रही है।
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