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बिहार विधानसभा चुनाव 2024 (Bihar Vidhan Sabha Election 2024) से पहले मतदाता सूची (Voter List) के विशेष पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि इससे भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) को फायदा पहुंचेगा, जबकि गरीब और वंचित वर्ग के लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे।
बिहार निर्वाचन आयोग (Bihar Election Commission) ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Summary Revision) 25 जून से 26 जुलाई तक कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, RJD ने इस प्रक्रिया को "सोची-समझी साजिश" बताते हुए इसका विरोध किया है।
RJD के प्रमुख आरोप:
गरीबों को वंचित करने की साजिश: RJD प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल (Mangnilal Mandal) ने कहा कि इस प्रक्रिया में जिन दस्तावेजों की मांग की गई है, वे गरीब और ग्रामीण मतदाताओं के पास नहीं हैं, जिससे उनके नाम सूची से हट सकते हैं।
BJP-JDU को फायदा: उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम सत्तारूढ़ दलों को लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
समय की कमी: RJD का कहना है कि चुनाव नजदीक होने के कारण इतने कम समय में पुनरीक्षण सही नहीं है।
चुनाव आयोग के साथ बैठक में हुआ विरोध
बुधवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO Bihar) के साथ हुई बैठक में RJD के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर आपत्ति जताई थी। पार्टी की ओर से चित्तरंजन गगन, मुकुंद सिंह और मदन शर्मा ने तर्क दिया कि 2003 के बाद ऐसा पुनरीक्षण नहीं हुआ, फिर अचानक इस समय यह निर्णय क्यों लिया गया?
चुनाव आयोग की तैयारियां
इस बीच, निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटा है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण पूरा होने के बाद सितंबर तक अंतिम सूची जारी की जाएगी। चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।