जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, बिहार की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है। राज्य में विपक्षी दलों का सबसे बड़ा गठबंधन यानी महागठबंधन अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गया है। इसी कड़ी में पटना के सदाकत आश्रम में आज महागठबंधन की दूसरी बड़ी बैठक हो रही है, जिसे बेहद अहम माना जा रहा है।
Tejashwi Yadav के नेतृत्व में एकजुट महागठबंधन!
इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समन्वय समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका में हैं। यह न केवल तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता को लेकर गठबंधन की एकजुटता दिखाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि महागठबंधन ने आगामी चुनावों के लिए नेतृत्व के सवाल पर अपना रुख साफ कर दिया है। तेजस्वी अब महागठबंधन के औपचारिक और सर्वमान्य नेता के रूप में उभर चुके हैं।
बैठक में कांग्रेस, वाम दलों (CPI, CPM, CPI-M) और विकासशील इंसान पार्टी समेत सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं। मुख्य एजेंडा लोकसभा सीटों का बंटवारा है, जिसमें पिछले चुनाव के नतीजों, वर्तमान राजनीतिक समीकरणों और क्षेत्रीय ताकत का विश्लेषण करके सीटों का निर्धारण किया जाएगा।
इसके साथ ही जिला और प्रखंड स्तर तक समन्वय समितियों के गठन का प्रस्ताव भी बैठक का अहम हिस्सा है, जिससे चुनावी तैयारियों को जमीनी स्तर पर मजबूती मिले।
महागठबंधन इस बैठक के ज़रिए यह संदेश देना चाहता है कि वह नेतृत्व, रणनीति और गठबंधन की मजबूती को लेकर पूरी तरह से संगठित है। जहां एनडीए में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अब भी भ्रम की स्थिति है, वहीं महागठबंधन तेजस्वी यादव को आगे कर स्पष्ट और निर्णायक संदेश दे रहा है।