बिहार की सियासत में रविवार को एक नया मोड़ तब आया जब कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने एक साथ कई राजनीतिक संकेत दे डाले। उन्होंने जहां बीजेपी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को "फँसाने" का आरोप लगाया, वहीं महागठबंधन के भीतर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने से इनकार कर सस्पेंस बना दिया।
शकील ने BJP पर किया हमला
शकील ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार को राजनीतिक तौर पर परेशान करने की रणनीति बना चुकी है। “बीजेपी नीतीश को तंग कर रही है, देखिए आगे क्या होता है,” उन्होंने कहा। हालांकि उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस नीतीश के साथ गठबंधन में नहीं जाएगी, लेकिन मानवीय सहानुभूति ज़रूर रखती है।
तेजस्वी यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर शकील ने कहा, “सीएम फेस तय करने की एक प्रक्रिया है। अभी वक्त है, जब समय आएगा तब निर्णय होगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिलहाल उनका फोकस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने और जनता से जुड़ने पर है।
24 अप्रैल की बैठक से पहले Tejashwi Yadav के आवास पर 23 को बैठक
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में 23 अप्रैल को तेजस्वी यादव के आवास पर एक अहम बैठक बुलाई गई है, जो 24 अप्रैल की औपचारिक बैठक से पहले रणनीतिक दिशा तय करेगी।
इस बीच चिराग पासवान के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शकील ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर चिराग को इतनी चिंता है दलितों की, तो अडानी-अंबानी के यहां जाकर निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग क्यों नहीं करते?”
शकील अहमद खान की ये टिप्पणियां सिर्फ बयानबाजी नहीं बल्कि बिहार में बदलती राजनीतिक पटकथा की नई झलक पेश करती हैं। विपक्ष एकजुट होने की कोशिश में है, लेकिन नेतृत्व का सवाल अब भी हवा में है।