पटना । राजधानी पटना स्थित राजद कार्यालय में आयोजित महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (माले) और वीआईपी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। चुनावी रण में उतरने से पहले यह बैठक तय करती है कि गठबंधन अब एक लय और एक नेता के साथ मैदान में उतरने को तैयार है। और इस बार कमान दी गई है तेजस्वी यादव को।
कोऑर्डिनेशन कमेटी बनी, तेजस्वी लीडर
बैठक में सभी दलों की सहमति से एक कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें हर पार्टी से दो सदस्य — एक नेता और एक सहयोगी — शामिल होंगे। इस कमेटी का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे। VIP पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने प्रेस को जानकारी दी कि, “अब हर फैसला साझा सहमति से होगा। हमने कई पॉलिसी तय की हैं, जिन्हें समय आने पर जनता के सामने रखा जाएगा। हमारे गठबंधन में कोई भ्रम नहीं है।”
NDA पर सहनी का तीखा प्रहार
बैठक के बाद सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे मुकेश सहनी, जो मीडिया के तीखे सवालों के जवाब में खुद से भी तीखा निकले। जब उनसे पूछा गया कि नीतीश कुमार के पोस्टर फिर से पटना में लगे हैं और क्या वे फिर से सीएम की दौड़ में हैं, तो सहनी ने कहा कि पोस्टर लगाना आसान है, पर जनता से जाकर पूछिए क्या अब कोई नीतीश को वोट देना चाहता है? जब बात आई कि क्या वे NDA में फिर से जा सकते हैं, तो सहनी का तेवर और भी उग्र हो गए और कहा कि हम अपना तेवर और कलेवर जानते हैं। भाजपा नौटंकी पर उतर आई है। क्या मेरा इतना बुरा दिन आ गया कि इनके पीछे-पीछे घूमें? उन्होंने साफ किया कि उनकी विचारधारा स्पष्ट है और उनका लक्ष्य एक मजबूत, वैचारिक सरकार बनाना है — दिखावटी नहीं।
महागठबंधन की पहली चाल कितनी मजबूत?
इस बैठक ने जहां एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की, वहीं राजनीतिक विश्लेषक इसे गठबंधन के "लॉन्चिंग इवेंट" के रूप में देख रहे हैं। तेजस्वी यादव को लीडरशिप सौंपना इस बात का संकेत है कि अब महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर कोई असमंजस नहीं बचा है। बेशक सभी दल अभी एक सुर में बोल रहे हैं, लेकिन सीट बंटवारे और सत्ता-साझेदारी जैसे मुद्दों पर आने वाले दिनों में मतभेद उभर सकते हैं। फिलहाल, महागठबंधन की रणनीति यही है - एकता का प्रदर्शन और NDA पर सीधा हमला।