बिहार की राजनीति में द्रुत गति से उभरते नेता तेजस्वी यादव ने इस बार सिर्फ चुनावी समीकरणों को नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश (Social Inclusion) को अपनी प्राथमिकता में रखा है। पटना में आयोजित राज्यव्यापी दिव्यांग अधिकार सम्मेलन में उन्होंने हर पंचायत में “दिव्यांग मित्र” की नियुक्ति की घोषणा करके एक ऐसा वादा किया है, जो उन्हें अन्य दलों से अलग खड़ा करता है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि आप अलग हो सकते हैं, लेकिन कमजोर नहीं हैं। हमारी सरकार आपको पंख देगी, ताकि आप उड़ान भर सकें। तेजस्वी यादव की सबसे बड़ी घोषणा रही कि हर पंचायत स्तर पर एक ‘दिव्यांग मित्र’ की नियुक्ति की जाएगी जो स्थानीय स्तर पर दिव्यांग जनों की समस्याओं को समझेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ेगा। यह कदम सामाजिक न्याय के विकेन्द्रीकरण का संकेत है।
तेजस्वी ने अपने भाषण में 15 बिंदुओं का वादा किया जो वेलफेयर से लेकर एम्पावरमेंट तक फैले हैं। इसमें शामिल हैं: दिव्यांगों के लिए अलग मंत्रालय, सरकारी नौकरियों में 100 दिनों में नियुक्ति, पेंशन में सालाना वृद्धि, तकनीकी उपकरणों की सहायता, पंचायत-नगर निकाय चुनावों में आरक्षण, और महिला दिव्यांगों के लिए विशेष योजना।
तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर BJP पर हमला करते हुए कहा कि 20 वर्षों में दिव्यांगों के लिए कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि RJD की सरकार नीति आधारित और संवेदनशील नेतृत्व देगी। यह RJD की नई राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह विकास और समावेशी नीति को साथ लेकर चलना चाहती है।
तेजस्वी यादव ने अपनी पूर्व उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए बताया कि 17 महीने में 5 लाख रोजगार और 4 लाख शिक्षकों को नियमित करना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि “हमने जो वादा किया, वो निभाया”, जो कि आगामी चुनाव में उनके लिए विश्वसनीयता का बड़ा कार्ड हो सकता है।