पटना, वाईबीएन नेटवर्क
बिहार की राजनीति में एक और दिलचस्प मोड़ आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया, जिसमें उन्होंने राज्य की आगामी चुनावों को लेकर अपनी पार्टी के रुख को और स्पष्ट किया। निशांत कुमार का कहना था, "पिता जी ने बिहार में असल विकास किया है। पिछली बार हमें 43 सीटें मिली थीं, फिर भी विकास कार्य जारी रहा। इस बार हम और ज्यादा सीटों से जीत हासिल करेंगे।"
इस बयान ने बिहार की राजनीतिक हवा में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि निशांत कुमार ने एक और अहम बयान भी दिया है, जिसमें उन्होंने "NDA को नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित करना चाहिए"।
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जानिए क्या है बयान के पीछे की मंशा...
निशांत कुमार का यह बयान महज एक चुनावी रणनीति या फिर मुख्यमंत्री के बेटे के तौर पर सार्वजनिक समर्थन जुटाने की कोशिश नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा गहरी राजनीतिक मंशा छिपी हुई है। जब उन्होंने यह कहा कि इस बार उनकी पार्टी पिछली बार से भी ज्यादा सीटों से जीतेगी, तो यह एक स्पष्ट संकेत था कि वे अपने पिता के नेतृत्व में राज्य के विकास को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
पिछली बार नीतीश कुमार की पार्टी को 43 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन उस दौरान भी उनके नेतृत्व में विकास कार्यों को लगातार बढ़ावा दिया गया था। निशांत कुमार का यह दावा है कि इस बार वे इससे भी बेहतर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
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निशांत का रणनीतिक बयान
निशांत कुमार का यह कहना कि "NDA को नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित करना चाहिए" एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रणनीतिक बयान है। बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार ने हर बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है और राज्य में उनका नेतृत्व विशेष पहचान बना चुका है। निशांत कुमार का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया जाए, ताकि उनकी मजबूती का लाभ आगामी चुनावों में भी मिल सके।
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