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Bihar News: नहीं रहे राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल

Bihar News: राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और मंदिर निर्माण में पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली।

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Kamal K Singh
KAMESWAR CHAUPAL RAM MANDIR
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पटना, वाईबीएन नेटवर्क।

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राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी और मंदिर निर्माण में पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। आपको बात दें की कामेश्वर चौपाल पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके है। 

बिहार बीजेपी ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी है, जिसमें कहा गया कि, 

“राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे, श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर सामाजिक क्षति है। उन्होंने सम्पूर्ण जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। मां भारती के सच्चे लाल थें।
ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।।  
बिहार भाजपा परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि”

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कामेश्वर चौपाल का परिचय 

कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के सहरसा जिले जो की वर्तमान में सुपौल जिले के नाम से जाना जाता है, के कमरैल गांव में 24 अप्रैल 1956 हुआ था। वे एक प्रमुख समाजसेवी और नेता थे जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। कामेश्वर चौपाल ने वनवासी कल्याण केंद्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों के साथ काम करके समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उसी वर्ष उन्होंने रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने 1995 और 2000 में बखरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वे चुनावी मैदान में जीत हासिल नहीं कर सके।

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7 मई 2002 को कामेश्वर चौपाल ने बिहार विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण की और 2014 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। समाज के प्रति उनके योगदान और समर्पण के लिए उन्हें काफी सम्मान दिया जाता था। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।

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