पटना, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद एनडीए के नेता बिहार को लेकर कह रहे हैं कि— "दिल्ली तो बस झांकी थी, अब बिहार की बारी!" लेकिन बिहार में विपक्षी महागठबंधन के फेस तेजस्वी यादव ने इस दावे पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "बिहार कोई दिल्ली नहीं, यहां जनता को समझाना पड़ता है!" यह टकराव अब राजनीतिक बहसों का केंद्र बन गया है, जहां दिल्ली की जीत को बिहार के लिए 'गेम प्लान' बताया जा रहा है।
दिल्ली में बीजेपी की 'पूर्वांचल स्ट्रैटेजी'
दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने पूर्वांचल मतदाताओं को लुभाने की रणनीति पर जोर दिया, जिसमें 5 बिहार मूल के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कहा कि "मैं गर्व से कहता हूं, मैं पूर्वांचल का सांसद हूं। यहां की आकांक्षाओं को हमने सदन तक पहुंचाया।" एनडीए नेताओं का दावा है कि दिल्ली में पूर्वांचल के वोटरों ने जिस तरह बीजेपी को समर्थन दिया, उससे बिहार में भी 'लहर' का संकेत मिलता है।
तेजस्वी का वार: "जुमलेबाजी से नहीं चलेगा!"
दिल्ली से पटना लौटे तेजस्वी यादव ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि "जनता मालिक है, उसने भाजपा को चुना, हमें उसके फैसले का सम्मान है। लेकिन बिहार में सिर्फ जुमलेबाजी से काम नहीं चलेगा।" उन्होंने एनडीए के 'दिल्ली झांकी' वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि "यहां की जनता को विकास के आंकड़ों से नहीं, ज़मीनी हकीकत से सरोकार है। 18 साल से जो सत्ता में है, उसका हिसाब-किताब भी तो देना होगा!"
नीतीश vs तेजस्वी: किसकी चलेगी 'बिहारी अस्मिता' की बाजी?
दिल्ली नतीजों के बाद बिहार में सियासी गर्मी बढ़ गई है। एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में 'डबल इंजन' (केंद्र और राज्य) का नारा बुलंद किया है, जबकि तेजस्वी यादव 'बेरोजगारी-पलायन' को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।