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कोचिंग वसूली को रेगुलेट करने के लिए बने कड़े कानून, बोले- Kanhaiya Kumar

देश में जब भी ऐसा सिस्टम फेलियर होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। लेकिन आज सरकार और बाजार के बीच में देश के विद्यार्थी, नागरिक पिस रहे हैं।

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Jyoti Yadav
KANHAIYA KUMAR
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पटना, वाईबीएन नेटवर्क 

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कांग्रेस छात्र विंग प्रभारी कन्हैया कुमार ने आज, शनिवार 15 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया । इस दौरान उन्होंने युवाओं और उनसे जुड़े सिस्टम की फेलियर पर जमकर बोला। कन्हैया कुमार ने कई शहरों में बंद हुए फीट जी के संस्थानों को लेकर कहा, पिछले कई दिनों से लगातार एक खबर आ रही है, जिसमें डॉक्टर-इंजीनियर बनाने का दावा करने वाले कोचिंग संस्थान लोगों से फीस वसूलकर गायब हो गए।

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कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आई है...

देश में जब भी ऐसा सिस्टम फेलियर होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। लेकिन आज सरकार और बाजार के बीच में देश के विद्यार्थी, नागरिक पिस रहे हैं। आज देश में सपना बेचा जा रहा है और कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आई हुई है, क्योंकि सरकारी व्यवस्था की हालत कमजोर है। 

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आत्महत्या के पीछे सिस्टम जिम्मेदार

आज देश में हर घंटे करीब 2 छात्र और 24 घंटे में करीब 28 छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। जैसे किसान की आत्महत्या के पीछे सिस्टम जिम्मेदार है, वैसे ही छात्र आत्महत्या के पीछे भी सिस्टम जिम्मेदार है। ये सिस्टम छात्रों को प्रेशर कुकर बना रहा है और उन्हें रोज सपने बेचे जा रहे हैं। सीट कितनी है, पारदर्शी रूप से परीक्षा कैसे होगी, रोजगार के अवसर कितने बनेंगे- इस पर चर्चा नहीं होती है। देश में रोजगार दिलाने के नाम पर सिर्फ कोचिंग संस्थान बन रहे हैं, जो माता-पिता से मोटी फीस वसूलते हैं। 

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शिक्षा, बाजार और मुनाफे की वस्तु नहीं 

कन्हैया कुमार ने कहा, शिक्षा, बाजार और मुनाफे की वस्तु नहीं  है। पहले CBSE के एग्जाम और रिजल्ट के बाद छात्र बड़े पैमाने पर सुसाइड कर लिया करते थे, लेकिन तब की UPA सरकार ने फैसला लिया कि हम किसी छात्र को पास और फेल नहीं करेंगे, हम ग्रेड देंगे। आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, इतनी बेरोजगारी हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं रही। PHD के बाद भी छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है। सरकार और बाजार के बीच में देश का भविष्य पिस रहा है। ऐसे में सरकार सुनिश्चित करे कि देश में जितने भी खाली पद हैं, उन पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति हो, क्योंकि आज कोई ऐसी नौकरी नहीं है, जिसमें धांधली न होती हो।

ये हैं मांगे 

• देश की सरकारी संस्थाओं को बेहतर बनाया जाए, क्योंकि सरकारी संस्थाएं कमजोर होंगी तो निजी क्षेत्र को विकसित होने में मुश्किल होगी।

• देश में IAS, इंजीनियर-डॉक्टर बनाने का जो धंधा है, उसे रेगुलेट किया जाना बहुत जरूरी है।

• देश में जितने भी खाली पद हैं, उन्हें पारदर्शी तरीके से भरा जाए।

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