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Supreme Court से नीतीश सरकार को बड़ा झटका, सुनील सिंह की सदस्यता बहाल

बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। बिहार विधान परिषद से निलंबित किए गए सुनील सिंह की सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल कर दिया है, जिससे नीतीश कुमार की सरकार को एक बड़ा झटका लगा है।

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Pratiksha Parashar
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nitish kumar, sunil singh
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। बिहार विधान परिषद से निलंबित किए गए सुनील सिंह की सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल कर दिया है, जिससे नीतीश कुमार की सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अब भी MLC बने रहेंगे। इस फैसले के बाद बिहार में विधान परिषद के उपचुनाव की संभावनाएं खत्म हो गई हैं, साथ ही चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना को भी रद्द कर दिया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भले ही सुनील सिंह ने नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी, लेकिन उनकी सजा इसके मुकाबले अत्यधिक थी। अदालत ने कहा कि यह टिप्पणी निंदनीय तो थी, लेकिन इसके लिए सदस्यता रद्द करने का निर्णय उचित नहीं था। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुनील सिंह को जुलाई 2024 तक के निष्कासन को निलंबन मानते हुए उनकी सदस्यता बहाल की जाए। साथ ही, अदालत ने बिहार विधान परिषद की आचार समिति को आदेश दिया कि वे नोटिफिकेशन को रद्द करें।

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क्या है विवाद?

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब 13 फरवरी 2024 को बिहार विधान परिषद के बजट सत्र के दौरान सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ 'पलटू' शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद सदन में बवाल मच गया और सुनील सिंह पर नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने के आरोप लगे।

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सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त

विधान परिषद में हुई इस कड़ी कहासुनी को अमर्यादित आचरण माना गया और सुनील सिंह से खेद प्रकट करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने कोई खेद नहीं जताया। इसके परिणामस्वरूप, आचार समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने जुलाई 2024 में इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत की। अगले ही दिन, विधान परिषद में आरजेडी के एमएलसी ने निलंबन का प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद 26 जुलाई 2024 को सभापति ने सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी थी। 

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नितीश कुमार को लगा धक्का

इस फैसले ने नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर वे सुनील सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे थे, वहीं सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय उनके लिए एक बड़ा राजनीतिक धक्का साबित हुआ है। बिहार विधान परिषद में उनके विरोधी खेमे को यह फैसला एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि अब सुनील सिंह की सदस्यता बहाल हो गई है और राज्य में उपचुनाव की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, सुनील सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर 'सत्यमेव जयते' लिखा। 

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