पटना, वीबीएन संवाददाता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार इस यात्रा ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। जैसे-जैसे पीएम मोदी का आगमन नजदीक आता जा रहा है, विपक्षी दलों के सवाल भी तीखे हो गए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कई सवाल उठाए हैं, जो बिहार के विकास और उसकी वर्तमान स्थिति को लेकर गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं।
"क्या मिलेगा बिहार को?" तेजस्वी का सवाल
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के बिहार आगमन से पहले एक वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री मोदी से सीधा सवाल किया है, "आप बिहार आ रहे हैं, तो बिहार को क्या देंगे?" इस सवाल ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने आगे कहा, "क्या चीनी मिल खुल पाएगी? क्या जुट मिल खुल पाएगी? आपने जो वादे किए थे, वह कहां गए? आपने बिहार में चाय पीने का वादा किया था, क्या आपने चाय पी?"
तेजस्वी का यह सवाल न सिर्फ बिहार की वर्तमान स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि राज्य में अब तक के वादों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि हर चुनाव से पहले बिहार को याद किया जाता है, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पत्ते रहते हैं।
लालू यादव का हमला: झूठ और जुमले
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी के दौरे को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "आज बिहार में झूठ और जुमलों की बरसात होगी। चुनावी वर्ष है, इसलिए केंद्र की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन दिखावटी तरीके से बिहार से किया जाएगा, लेकिन बिहार को इससे कोई फायदा नहीं होगा। यह केवल एक चुनावी दिखावा है, जो बिहार के लोगों को और अधिक भ्रमित करने का प्रयास है।"
लालू यादव का यह बयान बिहार में सत्ता की राजनीतिक गतिशीलता को लेकर गहरे सवाल खड़े करता है। उनका आरोप है कि बिहार में अब तक जो कुछ भी हुआ है, वह केवल चुनावी फायदा उठाने के लिए किया गया है, जबकि वास्तविक विकास की दिशा में कुछ भी ठोस नहीं किया गया।
बिहार की बदहाल स्थिति और डबल इंजन की सरकार
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में बिहार की सच्चाई को भी सामने रखा। उन्होंने कहा, "बिहार में डबल इंजन की सरकार को दो दशक हो गए, लेकिन राज्य की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी बिहार साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय और निवेश के मामले में सबसे पीछे है। बेरोजगारी और गरीबी में बिहार नंबर वन बना हुआ है।" उनका यह बयान राज्य के विकास की दिशा में केंद्र और राज्य सरकार के असफलता को बेनकाब करता है।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी का बिहार में दौरा केवल प्रतीकात्मक है। उनका कहना था कि मोदी केवल लिट्टी खाते हैं, मधुबनी पेंटिंग देखते हैं और छठी मैया की पूजा करते हैं, लेकिन बिहार के विकास के लिए उनकी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
क्या बदलेगा बिहार का भविष्य?
प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा आने वाले चुनावों के संदर्भ में बेहद अहम है। विपक्षी नेताओं के सवालों ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार के लोग अब महज वादों से संतुष्ट नहीं होने वाले हैं। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा में बिहार के लिए कौन सी नई योजनाओं और वायदों का ऐलान करते हैं, और क्या वे इस राज्य की बदहाली और उपेक्षा को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर यह यात्रा भी चुनावी मौसम के एक और शोमैनशिप का हिस्सा बनकर रह जाएगी।