बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क
बदायूं शहर में यातायात पुलिस की वसूली से परेशान होकर ई रिक्श चालक ने खुद पर पेट्रौल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस चौकी के सामने युवक को पेट्रौल डालते देख पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। पुलिस पीडित युवक पर ही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के बुद्ध बिहार निवासी अनुज कुमार पुत्र गेंदनलाल ई रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालता है। बीते पांच दिन से यातायात पुलिस अलग-अलग ठिकानों पर चालान का भय दिखाकर उससे वसूली कर रही थी। गुरूवार को भी टीआई आरएल राजपूत ने उसको रोका तो उसने अपने कागजात भी दिखाए। आरोप है कि उसको चालान का भय दिखाकर पांच हजार रुपये मांगे गए। उसने इतने पैसे न होने का हवाला दिया तो उसका चालान काट दिया गया। चालान का मैसेज मोबाइल पर आते ही अनुज सदमें में आ गया। इसके बाद वह पेट्रोल लेकर मंडी समिति पुलिस चौकी के सामने पहुंचा और खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। इसी बीच वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों की नजर उसपर पडी तो उन्होंने उसको दबोच लिया। मामले की जानकारी मिलते ही टीआई मौके पर पहुंचे और पुलिस के साथ युवक को सिविल लाइंस थाने ले गए। इस संबंध में एसएचओ सिविल लाइंस मनोज कुमार सिंह का कहना है कि युवक ने जान बूझकर पुलिस पर दबाव बनाने का ड्रामा किया है, इसलिए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
टीआई की सियासी ताकत के सामने कई बार फैसले बदल चुके हैं अफसर
प्रभारी टीआई आरएल राजपूत भाजपा के बडे नेताओं के करीबी हैं। उनकी सरपरस्ती के चलते ही शासनादेश को दरकिनार कर उन्हें टीआई बनाया गया और जब-जब वह टीआई के प्रभार पर आते हैं तब तब विवादों में घिर जाते हैं। विवाद कोई और नहीं बल्कि वाहन चेकिंग के नाम पर वसूली का होता है। हैरत की बात तो यह है कि उनकी दबंगई और वसूली की शिकायतें कई बार आला अधिकारियों के पास पहुंचीं और उनको चार्ज से हटाया भी गया, लेकिन पुलिस अफसरों का यह फैसला ज्यादा दिनों तक नहीं चला। उनकी सियासी ताकतों के सामने अफसरों को अपने फैसले बदलने पडे और उनको चार्ज दिया गया।
बरेली में भी तैनाती के दौरान विवादों में रहे थे टीआई राजपूत
बदायूं से पहले टीआई आरएल राजपूत की तैनाती बरेली में रही थी। बरेली में भी अवैध वसूली के चलते वह विवादों में रहे थे। विवादों के चलते ही उनका गैर जनपद तबादला यानि बदायूं किया गया अब वह यहां भी चर्चा में हैं।
सरकारी जिप्सी से टीआई का हमरााह जितेंद्र सिंह करता है अवैध वसूली
टीआई का सबसे करीबी सिपाही जितेंद्र सिंह भी इन दिनों किसी अफसर के रुतबे से कम नहीं चलता है। शाम को जब टीआई विभागीय कार्यों में व्यस्त रहते हैं तो जितेंद्र सिंह ही शहर की यातायात व्यवस्था की कमान संभालता है। वह टीआई की चालान आईडी लेकर सरकारी जिप्सी से निकलता है। जबकि उसे चालान करने का अधिकार नहीं है, इसके बाद भी वह टीआई की आईडी से उन वाहन चालकों का चालान काटता है जो पैसा देने से इन्कार करते हैं। अवैध वसूली के मामले में इन दिनों जितेंद्र सिंह विवादों में घिरा हुआ है, लेकिन सियासी पकड मजबूत होने के चलते उसपर कार्रवाई नहीं हो रही है।
जहां चेकिंग प्वाइंट नहीं वहां भी हो रही वसूली
यातायात पुलिस के लिए बाकायदा चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। नियम के तहत वह वहीं पर खडे होकर वाहन चेकिंग या कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन यहां वसूली का आलम यह है कि टीआई की सरकारी जिप्सी उन स्थानों पर भी घंटों खडी रहती है जो चेकिंग प्वाइंट नहीं हैं। शाम के समय राजकीय मेडिकल कॉलेज, बहेडी मोड के पास इसके बाद बरेली-उझानी बाईपास पर चेकिंग के नाम पर रोजाना वसूली की जा रही है।
याताायात निदेशालय से आने वालों को दी जानी चाहिए प्रथम वरीयता
टीआई का जिम्मा नियमानुसार तो यातायात निदेशालय आने वाले सब इंस्पेक्टर को दी जानी चाहिए, यहां निदेशालय से आने वालों को दूर दराज की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि निदेशालय से आने वाले सब इंस्पेक्टर के बाद किसी इंस्पेक्टर को जिले की कमान सौंपी जा सकती है। मगर, यहां काफी समय से ऐसा नहीं हो रहा है।