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बदायूं: मैंथा प्‍लांट में कुदरत का कहर, 18 घंटे थमी रहीं उझानी वासियों की सांसें, 100 करोड से ज्‍यादा नुकसान

बदायूं के उझानी से दिल्‍ली रोड पर बनी मैंथा आयल के दाने की प्‍लांट में बुधवार की आधी रात तेज आंधी की वजह से आग लग गई। कुदरत के इस कहर की वजह से उझानी समेत आसपास के गांवो के लोगों की सांसें थमी रहीं। करीब 18 घंटे बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया

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Manoj Verma
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मैंथा प्‍लांट में आग बुझाते दमकलकर्मी Photograph: (self)

बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क

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बदायूं के उझानी से दिल्‍ली रोड पर बनी मैंथा आयल के दाने की प्‍लांट में बुधवार की आधी रात तेज आंधी की वजह से आग लग गई। कुदरत के इस कहर की वजह से उझानी समेत आसपास के गांवो के लोगों की सांसें थमी रहीं। करीब 18 घंटे बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया। विकराल रूप ले चुकी आग पर काबू पाने के बाद प्रशासन ने जब दावा किया क‍ि अब कोई खतरा नहीं है तब जाकर लोगों की सांस में सांस आई। 

बुधवार को आधी रात के करीब उझानी के रहने वाले मैंथा व्‍यापारी मनोज गोयल की मैंथा प्‍लांट रोजाना की तरह संचालित थी। सभी वर्कर उसमें कार्य कर रहे थे। इसी दौरान तेज आंधी आई और सार्ट सर्किट के साथ चिमनी को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप लिया और प्‍लांट धुंआ धुंआ होने लगी। आग की लपटें आसमान की ओर पहुंचीं तो आसपाास के लोग दहल उठे। कुछ ही देर में मैंथा प्‍लांट के मालिक मनोज गोयल मौके पर पहुंचे और किसी तरह से सभी वर्करों को बाहर निकाला, लेकिन एक वर्कर का पता नहीं चला। डीएम और एसएसपी ने मौके पर पहुंचकर गांव को खाली कराया, ताकि वह लोग सलामत रहें, लेकिन आग तेज आंधी की वजह से थमने का नाम नहीं ले रही थी। रात भर आग ने तांडव किया। स्‍थानीय फायर बिग्रेड के अलावा समीपवर्ती जिला कासगंज से भी सहयोग लिया गया। दमकलकर्मियों की तमाम कोशिशों के बाद भी रात से लेकर सुबह तक आग पर काबू नहीं पाया गया। इस तरह से प्‍लांट पूरी तरह से जलकर राख हो गई। 

कई बार हुए विस्‍फोट तो दहलते रहे सभी  

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अग्निकांड के दौरान कई बार प्‍लांट के अंदर विस्‍फोट हुए। गैस और केमिकल से भरे करीब तीन सौ सिलेंडर में ब्‍लास्‍ट हुआ तो करीब बीस किलोमीटर दूर तक आग के गुब्‍बार देखने को मिले। तेज आवाज से फट रहे सिलेंडर की वजह से आसपास के गांवों के लोग अपने घरों से भाग निकले। 

चार दिन पहले ही खत्‍म हुआ इंश्‍योरेंस, अब क्‍लेम की गुंजाइश नहीं 

इस अग्निकांड के बाद मनोज गोयल के सपने भी भीषण आग में जलकर राख हो गए। पूरा परिवार सदमे में है, क्‍योंक‍ि यह प्‍लांट उनका ड्रीम प्रोजेक्‍ट था। ऐसे में 100 करोड से ज्‍यादा का नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई होना मुश्किल है। वजह है क‍ि चार दिन पहले ही प्‍लांट का बीमा खत्‍म हुआ था। मनोज गोयल उस वक्‍त काफी व्‍यस्‍त थे, इसलिए उनको यह जानकारी नहीं थी इसी वजह से वह बीमा को दोबारा नहीं करवा पाए। इस हादसे के बाद पूरे परिवार पर संकट के बादल छा गए हैं। ऐसे में देखना है क‍ि सरकार की ओर से उनको क्‍या मदद की जा रही है। 

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