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Badaun: राजकीय मेडिकल कॉलेज बना रेफरी सेंटर, वार्डब्‍वाय सैफई की जगह बरेली के निजी अस्‍पतालों में भेज रहा मरीज

राजकीय मेडिकल कॉलेज में अब रेफरी का खेल उजागर हो रहा है। यहां तैनात वार्डब्‍वाय यह खेल कर रहा है। वह मरीजों को यहां से रेफर सैफई या अलीगढ मेडिकल कॉलेज को करवाने के बाद उन्‍हें बरेली भेज देता है। ताकि मोटी कमीशन मिल सके।

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Manoj Verma
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राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाहर खडीं वार्डब्‍वाय की एंबुलेंस Photograph: (self)

Badaun: राजकीय मेडिकल कॉलेज बना रेफरी सेंटर, वार्डब्‍वाय सैफई की जगह बरेली के निजी अस्‍पतालों में भेज रहा मरीज 

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बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क

राजकीय मेडिकल कॉलेज में अब रेफरी का खेल उजागर हो रहा है। यहां तैनात वार्डब्‍वाय यह खेल कर रहा है। वह मरीजों को यहां से रेफर सैफई या अलीगढ मेडिकल कॉलेज को करवाने के बाद उन्‍हें बरेली के निजी अस्‍पतालों में भेज देता है। ताकि उसे हर मरीज के हिसाब से मोटी कमीशन मिल सके। इससे मरीजों को सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। 

इमर्जेंसी वार्ड में तैनात वार्डब्‍वाय का फैला है नेटवर्क 

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राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमर्जेंसी में तैनात वार्डब्‍वाय इस खेल को अंजाम दे रहा है, वह सरकारी मेडिकल कॉलेज के नाम पर पर्चा बनवाता है और मरीजों को बरेली भेज देता है। इस कर्मचारी की जडें मेडिकल कॉलेज में काफी समय से मजबूत हैं। 

रेफरी के खेल में जिम्‍मेदार भी शामिल 

राजकीय मेडिकल कॉलेज का रेफरी सेंटर सैफई मेडिकल कॉलेेज यहां से उसी मेडिकल कॉलेज को मरीज भेजने का प्रावधान है, इसके बावजूद वार्डब्‍वाय यहां से बरेली के निजी अस्‍पतालों में मरीजों को भिजवा रहा है। रेफरी के इस खेल में सिर्फ वही नहीं बल्कि मेडिकल कॉलेज के कुछ जिम्‍मेदार अफसर भी शामिल हैं, निके पास बाकायदा वह कमीशन का हिस्‍सा भिजवाता है। 

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खुद की तीन एंबुलेंस चलवा रहा वार्डब्‍वाय 

राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेफरी का नेटवर्क चलाने वाला सरगना वार्डब्‍वाय खुद की ही तीन एंबुलेंस चलवा रहा है। राजस्‍थान नंबर की उसने हाल ही में तीन नई एंबुलेंस खरीदी हैं जो यहां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इस खेल की वजह से ही वह चंद दिनों में करोडों की संपत्ति अर्जित कर चुका है। 

 

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