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राजकीय मेडिकल कॉलेज का आईसीयू Photograph: (self)
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राजकीय मेडिकल कॉलेज का आईसीयू Photograph: (self)
बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क। बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इलाज देने के नाम पर उनकी जान से खिलवाड किया जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां बिना मॉनीटर और वेंटिलेटर के आईसीयू चल रहा है। हालांकि यहां आने वाले मरीजों को तुरंत रेफर करने की वजह से यहां बनाया गया आईसीयू खाली है। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी मरीज को तुरंत आईसीयू में ले जाने की जरूरत हो तो उसका इलाज किस तरह मिल पाएगा।
बदायूं का राजकीय मेडिकल कॉलेज बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, संभल तक का राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफरी सेंटर है। मसलन, इन जिलों के सरकारी अस्पतालों से अगर मरीज को रेफर किया जाएगा तो वह बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भेजा जाएगा। मगर, यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि यह राजकीय मेडिकल कॉलेज खुद रेफरी सेंटर बन चुका है। यहां आने वाले सर्दी, जुकाम, बुखार जैसे सामान्य रोगियों को तो घंटों लाइन में लगने के बाद कुछ दवाएं मिल जाती हैंं,लेकिन कोई थोडा भी गंभीर मरीज आ जाए तो उसको भर्ती करने के बजाए तुरंत रेफर कर दिया जाता है।
राजकीय मेडिकल कॉलेेज में अच्छा इलाज और संसाधन न होने की वजह से कई मरीज इलाज के अभाव में दम तोड चुके हैं। वजह है कि यहां के जिम्मेदार अक्सर बाहर रहते हैं तो व्यवस्थाओं के नाम पर कागजी खेल कर लाखों करोडों का गबन किया जा रहा है। ओपीडी से लेकर इमर्जेंसी, आईसीयू का बुरा हाल है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में मासिक, वार्षिक निरीक्षण होते रहते हैं। स्थानीय अफसरों के अलावा कभी दिल्ली तो कभी लखनऊ की टीम यहां आती रहती है। हैरत की बात तो यह है कि सबकुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी यहां के अधिकारियों को क्लीनचिट दे जाते हैं। तमाम घोटाले उजागर होने के बाद भी यहां किसी पर कोई गाज नहीं गिरी है।
सपा सांसद आदित्य यादव राजकीय मेडिकल कॉलेज की बदहाली और वहां हो रहे घोटालों को लेकर कई बार मुद्दा उठा चुके हैं। मरीजों को बेहतर इलाज दिलाने के लिए सांसद ने कई पत्राचार किए, इसके बाद भी यहां की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।