Badaun.: मेडिकल कॉलेज में बंद नहीं हुआ रेफरी का खेल, वार्डब्वाय ने इलाज के बजाए, निजी अस्पताल भेजी गर्भवती
बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क
बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेफरी का नेटवर्क चला रहे चर्चित वार्डब्वाय ने प्रसव को लाई गई महिला के परिजनों को गुमराह कर बरेली के निजी अस्पताल में रेफर करा दिया। वहां प्रसव के नाम पर तीमारदारों से 70 हजार रुपये वसूले गए। प्रसूता के परिजनों ने जब बरेली के निजी अस्पताल में राजकीय मेडिकल कॉलेज के वार्डब्वाय को देखा तो वह भडक उठे। तीमारदारों ने चर्चित वार्डब्वाय पर कार्रवाई की मांग की है।
प्रसव के नाम पर गिरवी रखवा दी जमीन
राजकीय मेडिकल कॉलेज में प्रसव के लिए डॉक्टर तैयार थे, लेकिन यहां के सिस्टम पर हावी इमर्जेंसी वार्ड में तैनात चर्चित वार्डब्वाय ने इलाज के नाम पर जमीन भी गिरवी रखवा दी। बरेली के जिस निजी अस्पताल में उनको भेजा गया था, वहां इलाज के नाम पर जब बिल सामने आया तो सभी हैरत में पड गए। प्रसूता के परिजनों को दवाओं से अलग 70 हजार रुपये का बिल दिया गया तो उनके होश उड गए। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से उन्होंने जमीन को गिरवी रखकर बिल का भुगतान किया।
आठ मार्च को मेडिक्ल कॉलेज में भर्ती हुई थी निधि
सदर तहसील क्षेत्र के गांव बरखेडा निवासी गौरव सिंह की पत्नी निधि सिंह के आठ मार्च को प्रसव पीडा होने पर जिला महिला अस्पताल लाया गया, जहां से उसको राजकीय मेडिकल कॉजेज रेफर कर दिया गया। मेडकिल कॉलेज में जांचें होने के बाद जनरल सर्जन ने अगले दिन ऑपरेशन से प्रसव करने को कहा, लेकिन वहां रेफरी का रैकेट चला रहे वार्डब्वाय ने उनके तीमारदारों को गुमराह कर बरेली के निजी अस्पताल में रेफर करा दिया।
बरेली के निजी अस्पताल में वार्डब्वाय से हुई हाथापाई
प्रसूता के देवर दुवर्जिय सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की इमर्जेंसी में तैनात वार्डब्वाय राकेश पाल खुद की कई एंबुलेंस चलाता है। वह मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज नहीं मिलने दे रहा है। उसने ही उनकी भाभी के मायके वालों को गुमराह कर बरेली के निजी अस्पताल में अपनी ही एंबुलेंस से भिजवा दिया। पांच हजार रुपये एंबुलेंस के लिए और जब उन्होंने बिल जमा किया तो वह डॉक्टर से अपनी कमीशन लेने पहुंच गया। वार्डब्वाय राकेश पाल को जब उनके परिजनों ने अस्पताल में कमीशन लेते हुए पकडा तो वह हाथापाई पर उतारू हो गया। इसके बाद काफी देर तक वह हाथापाई की कोशिश करता रहा और उस अस्पताल के स्टाफ ने भी उसका ही साथ दिया।