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Corruption: 40 साल पहले आसाम में हुई किसान की मौत, इस साल बदायूं से जारी कर दिया मृत्‍यु प्रमाण पत्र

बदायूं के म्याऊं ब्‍लॉक मुख्‍यालय में एक बार ऐसा मामला सामने आया है जो बेहद चौंकाने वाला है। यहां पर तैनात सचिव ने आसाम में 40 साल पहले मरे किसान का मृत्‍यु प्रमाण पत्र यहां से जारी कर दिया। इससे पूरा सिस्‍टम ही संदेह के घेरे में आ गया है।

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Manoj Verma
फोटो

ब्‍लॉक मुख्‍यालय का फाइल फोटो Photograph: (self)

बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क 

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बदायूं के म्याऊं ब्‍लॉक मुख्‍यालय में एक बार ऐसा मामला सामने आया है जो बेहद चौंकाने वाला है। यहां पर तैनात सचिव ने आसाम में 40 साल पहले मरे किसान का मृत्‍यु प्रमाण पत्र यहां से जारी कर दिया। इससे पूरा सिस्‍टम ही संदेह के घेरे में आ गया है। अब सचिव के खिलाफ शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। शासनादेश को दरकिनार कर जारी किया गया प्रमाण पत्र सचिव के गले की फांस बनता जा रहा है। 

50 साल पहले परिवार समेत आसाम चला गया था श्‍यामपाल 

 विकास खंड म्याऊं के गांव सांडी निवासी श्याम पाल पुत्र रामस्वरूप 50 साल पहले परिवार समेत आसाम चला गया था। वह आसाम में ही कार्य करता था और वहीं का निवासी हो गया था। उसका और उसके परिवार का वोटर आईडी कार्ड भी आसाम का ही बन गया और वह वहां के निवासी हो गया था। गांव सांडी की वोटर लिस्‍ट से उसके परिवार का नाम भी हटा दिया गया था। आसाम में ही 40 साल पहले बीमारी के चलते श्‍यामपाल की मौत हो गई। 

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27 फरवरी 2025 को जारी कर दिया गया प्रमाण पत्र 

इस साल पंचायत सचिव सुनील सक्‍सेना ने श्‍यामपाल की जमीन पर अपना हक जताने वाले विपक्षियों से साठगांठ कर उसका मृत्‍यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब कोर्ट में दूसरे पक्ष की ओर से वह प्रमाण पत्र पेश किया गया। इससे श्‍यामपाल के खानदानी हैरत में पड गए। इसके बाद गांव के ही पूर्व प्रधान श्‍याम सिंह समेत कई लोगों ने शपथ पत्र पेशकर वरिष्‍ठ अधिकारियों को बताया कि यह प्रमाण पत्र शासनादेश को दरकिनार कर बनाया गया है। श्‍यामपाल की मौत आसाम में हुई है तो प्रमाण पत्र वहीं से जारी होने का प्रावधान है। अब इस मामले में वरिष्‍ठ अधिकारी भी हैरत में हैं, मामले की जांच भी शुरू हो चुकी है। 

सचिव ने मौजूदा प्रधान की भी नहीं मानी बात 

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ग्राम प्रधान ने प्रमाण पत्र जारी होने से पहले ही सचिव से साफ इन्‍कार कर दिया था। इसके बाद भी पंचायत सचिव ने हठधर्मिता दिखाते हुए प्रमाण पत्र जारी कर दिया। ग्राम प्रधान का कहना है क‍ि यह प्रमाण पत्र सचिव ने अपनी ताकत का गलत इस्‍तेमाल कर जारी किया है। उन्‍होंने प्रमाण पत्र जारी होने से पहले ही सचिव से साफ मना कर दिया था। इसके बाद भी सचिव सुनील सक्‍सेना ने उनकी बात नहीं मानी। 

 

 

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