बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क
बदायूं के समरेर ब्लॉक के बाबू ने तबादला होने के तीन दिन बाद अपने और बीडीओ के डोंगल से दो लाख रुपये का गबन कर लिया। बाबू ने यह धनराशि सरकारी आवास के मरम्मत के नाम पर निकालकर खर्च कर दी। इस बात की जानकारी होने पर जिम्मेदार अफसर प्रकरण दबाने में जुटे हैं। ब्लॉक से लेकर विकास भवन में बैठे जिम्मेदार अफसर घोटाला सामने आने के बाद भी बाबू पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
पांच अप्रैैल को हुआ था तबादला, आठ को निकाली गई सरकारी धनराशि
बीती पांच अप्रैल को जिला विकास अधिकारी ने बाबू अतुल शर्मा का तबादला बिसौली ब्लॉक में कर दिया। तबादले के तीसरे दिन बाबू ने सरकारी धन का गबन कर लिया। मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार अफसर हकरत में तो आए, लेकिन बाबू को बचाने के भी रास्ते अपना रहे हैं।
ब्लॉक के महत्वपूर्ण पटल का था बाबू अतुल शर्मा पर जिम्मा
समरेर ब्लॉक में तैनाती के दौरान बाबू अतुल शर्मा को महत्वपूर्ण पटल दे दिए गए थे। बाबू स्थापना के साथ-साथ अतुल शर्मा सरकारी आवासों की मरम्मत का भी कार्य देख रहे थे। बीडीओ के डोंगल को भी वही देखते थे, इसी का फायदा उठाते हुए तबादला होने के बाद भी अपना और बीडीओ का डोंगल लगाकर दो बार दो लाख रुपये निकालकर निजी कार्य में खर्च कर लिए।
घोटाला उजागर होने के बाद एफआईआर के बजाए मांगा गया सिर्फ स्पष्टीकरण
समरेर ब्लॉक के बाबू अतुल शर्मा का कारनामा उजागर होने के बाद उनपर गबन की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने ऐसा नहीं किया। कार्रवाई के नाम पर बाबू को सिर्फ नोटिस दिया गया है। बीडीओ समरेर की ओर से जारी किए गए पत्र में सात दिन के अंदर बाबू का जवाब मांगा गया है।
विभाग की बदनामी बचाने के लिए किया जा रहा सिर्फ पत्राचार
जिम्मेदार अफसर विभाग की बदनामी और पूर्व में किए गए घोटाले उजागर होने के भय से बाबू को बचा रहे हैं। वजह है कि इस मामले में अगर बाबू पर एफआईआर हुई तो सलीके से जांच होगी। जांच में पूर्व के घोटाले उजागर न हो जाएं, इसलिए सिर्फ पत्राचार किया जा रहा है।