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सराहनीय कार्य: बदायूं में कैंसर पीडिता को मसीहा बने डॉक्‍टर अमित गुप्‍ता, सरकारी खर्च भी खुद उठाया

एक ओर जहां चिकित्‍सा सेवा के नाम पर तमाम लोग व्‍यापार कर रहे हैं वहीं मानवता की असली मिसाल राजकीय मेडिकल कॉलेज के जनरल सर्जन डॉ अमित गुप्‍ता ने पेश की है। उन्‍होंने गरीबी और बीमारी से जूझ रही कैंसर पीडिता का बेहतर इलाज कर उसको जीवनदान दिया है

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Manoj Verma
फोटो

डॉक्‍टर अमित गुप्‍ता Photograph: (Self)

बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क

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 एक ओर जहां चिकित्‍सा सेवा के नाम पर तमाम लोग व्‍यापार कर रहे हैं वहीं मानवता की असली मिसाल बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात जनरल सर्जन डॉ अमित गुप्‍ता ने पेश की है। उन्‍होंने गरीबी और बीमारी से जूझ रही कैंसर पीडिता का बेहतर इलाज कर उसको जीवनदान दिया है। कैंसर के इलाज में आर्थिक संकट से जूझ रहे इस परिवार को नई दिशा मिली तो वह डॉक्‍टर की जमकर सराहना कर रहे हैं। 

इस तरह पेश की मानवता की मिसाल 

बदायूं जिले के कुंवरगांव क्षेत्र के रहने वाले तेजपाल सिंह की पत्‍नी रचना सिंह को आंचल में कैंसर था। कैंसर की पुष्टि होने के बाद वह अपनी पत्‍नी को इलाज के लिए शहर के कई अस्‍पतालों के चक्‍कर काटते रहे, जहां उनसे इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली गई। इसके बाद आराम न मिलने पर उन्‍हें फर्रूखाबाद के कैंसर अस्‍पताल में इलाज कराने की सलाह दी गई। फर्रुखाबाद के अस्‍पताल में कैंसर का ऑपरेशन किया गया, जहां उनसे मोटी रकम वसूली गई। दो महीने बाद हालत दोबारा बिगडी तो तेजपाल सिंह रचना सिंह को लेकर फर्रूखाबाद दोबारा पहुंचे। जहां से कहा गया कि वह जयपुर में इलाज करवा लें।

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निश्‍शुल्‍क इलाज का दावा करने वाले जयपुर के डॉक्‍टरों ने भी मांगी फीस 

तेजपाल सिंह निराश होकर अपनी पत्‍नी को लेकर जयपुर पहुंचे, जहां फ्री इलाज का दावा करने वाले अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने भी उनसे मोटी फीस मांगी। उन्‍होंने कई बार मिन्‍नत की कि उनके पास अब कुछ नहीं बचा है, लेकिन धरती के भगवान कह जाने वाले डॉक्‍टर नहीं पिघले। थक हारकर तेजपाल अपनी पत्‍नी को घर ले आए। 

रिश्‍तेदार ने दी सलाह, मेडिकल कॉलेज में डॉक्‍टर अमित को दिखवा लो 

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फोटो
कैंसर पीडिता रचना सिंह Photograph: (Self)

 

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तेजपाल सिंह की मजबूरी और गरीबी को देखते हुए उनके रिश्‍तेदार ने उनको बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के सर्जन डॉक्‍टर अमित गुप्‍ता को एक बार दिखवा लो। चिकित्‍सा के क्षेत्र में गरीब मजलूम मरीजों की सेवा में आगे रहने वाले डॉक्‍टर अमित के बारे में सबकुछ पता करने के बाद तेजपाल सिंह अपनी पत्‍नी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और डॉक्‍टर अमित गुप्‍ता को आपबीती सुनाई। इसके बाद डॉक्‍टर अमित गुप्‍ता ने इलाज की हामी भर ली और उनका सफल ऑपरेशन कर जीवनदान दिया। 

सरकारी खर्च भी खुद ही उठाया   

मेडिकल कॉलेज में इलाज फ्री है, लेकिन चेकअप और ऑपरेशन की निर्धारित फीस सरकार की ओर से रखी जाती है। डॉक्‍टर अमित ने रचना सिंह की माली हालत को देखते हुए सरकारी खर्च भी अपने पास से ही उठाया। अब स्‍वस्‍थ्‍य हो चुकीं रचना सिंह का परिवार डॉक्‍टर के इस कार्य की बेहतर सराहना कर रहा है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी उनके इस सामाजिक सरोकार की सराहना की है। 

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