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Jal Jeevan Mission: प्रधानमंत्री के जल जीवन मिशन को पलीता लगा रहे अफसर, टंकी परिसर में पथवा रहे उपले

बदायूं में प्रधानमंत्री की ओर से ग्रामीण अंचल में हर घर जल पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन पर जिम्‍मेदार अफसर पलीता लगा रहे हैं। निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक का कार्य पूरा कराने के बजाए अफसर वहां उपले पथवा रहे हैं।

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Manoj Verma
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कादरचौक ब्‍लॉक के गांव गथौरा में टंकी परिसर में पाथे जा रहे उपले Photograph: (YBN)

बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क

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बदायूं में प्रधानमंत्री की ओर से ग्रामीण अंचल में हर घर जल पहुंचाने के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन पर जिम्‍मेदार अफसर पलीता लगा रहे हैं। निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक का कार्य पूरा कराने के बजाए अफसर वहां उपले पथवा रहे हैं। इस तरह का मामला उजागर होने के बाद जिम्‍मेदारों की कार्यशैली संदेह के घेरे में है। 

कादरचौक ब्‍लॉक क्षेत्र के गांव गथौरा में जल जीवन मिशन के तहत टंकी निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। मगर, यहां कमीशनबाजी के चलते ठेकेदार ने कार्य पूरा नहीं कराया। कार्यदायी संस्‍था की ओर से मोटी कमीशन ली जा रही है, ऐसे में कई जगह कार्य अटका है तो यहां भी यही हाल है। टंकी का निर्माण कार्य पूरा न होने के साथ ही मॉनीटरिंग न होने का फायदा अब गांव वाले उठा रहे हैं। ग्रामीण टंकी परिसर में सरकारी भूमि पर ही उपले पाथ रहे हैं। इसकी शिकायत के बाद भी जिम्‍मेदार कार्रवाई को तैयार नहीं हैं। 

दो साल पहले शुरू हुआ था कार्य 

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कार्यदायी संस्‍था पीएनसी की ओर से वर्ष 2023 में टंकी निर्माण का कार्य शुरू कराया गया था। एक साल के अंदर इस कार्य को पूरा करने का एग्रीमेंट था,लेकिन अभी तक यहां ओवरहेड निर्माण और टंकी निर्माण का कार्य पूरा नहीं कराया गया है। 

शुरू से ही उजागर होता आया है भ्रष्‍टाचार इसके बाद भी जल निगम खामोश 

हर घर जल पहुंचाने के नाम पर जिले में जमकर भ्रष्‍टाचार उजागर हो रहा है। ओवरहेड टैंकों में मानक के अनुसार सामग्री न लगाए जाने से उनके पिलर टेडे पड रहे हैं। जल जीवन मिशन की ओर से कराए जा रहे इन कार्यों की गुणवत्‍ता शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है। कई गांवों के लोगों ने घटिया निर्माण सामग्री लगाए जाने का विरोध करते हुए शिकायतें भी कीं, लेकिन जिम्‍मेदारों ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की। 

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जांच के नाम पर थर्ड पार्टी का गठन, इसके बाद शुरू होता है कमीशनखोरी का खेल 

किसी गांव के लोगों की ओर से निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता पर सवाल उठाए जाते हैं तो जिला प्रशासन की ओर से थर्ड पार्टी टीम के गठन और जांच का भरोसा दिया जाता है। ऐसे में इस टीम में शामिल अफसर ही ठेकेदार और पीएनसी के अधिकारियों से कमीशनखोरी तय कर उनको क्‍लीनचिट दे देते हैं। इसके बाद भ्रष्‍टाचार और ज्‍यादा फैल जाता है। 

एसी कमरों में बैठकर ही मॉनीटरिंग करते रहते हैं पीएनसी के अफसर 

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कार्यदायी संस्‍थान पीएनसी की ओर से कई इंजीनियर और तकनीकि जानकारों का गठन किया गया है। उनको रोजाना मौके पर जाकर जांच करने के नाम पर मोटा मानदेय भी दिया जाता है। इसके बाद भी सभी सुख सुविधाएं कंपनी की ओर से मिलने के बाद वह एसी कमरों में बैठकर ही जांच करते रहते हैं, जबकि जमीनी हकीकत से वह रूबरू होने के बाद भी मौके पर नहीं पहुंचते हैं। 

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