बदायूं, वाईबीएन नेटवर्क
बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार अब कोर्ट के सामने तक पहुंच चुका है। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की भर्ती को लेकर इस बार प्राचार्य घिर चुके हैं। प्राचार्य और बाबू के खिलाफ मुकदमे की अर्जी कोर्ट में पेश की गई है। कोर्ट ने अर्जी को मंजूर करते हुए सिविल लाइंस पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
अधिवक्ता राजीव कुमार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के भ्रष्टाचार को बिंदुवार दर्शाते हुए राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अरूण कुमार, कनिष्ठ लिपिक ज्ञानेंद्र कुशवाह की करतूतों को उजागर किया है। उन्होंने कोर्ट में दी गई अर्जी में बताया है कि मेडिकल कॉलेज में दिन पर दिन इन दोनों की वजह से भ्रष्टाचार फैलता जा रहा है। न्यायालय ने अधिवक्ता की अर्जी पर सिविल लाइंस पुलिस से तीन दिन के अंदर रिपेार्ट मांगी है, ताकि आगे की कार्रवाई जल्द की जाए।
इस बार गंभीर आरोपों में घिरे प्राचार्य
कोर्ट में प्राचार्य और कनिष्ठ लिपिक के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई गई है। कोर्ट में अर्जी पेश करने वाले अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया है कि कॉलेज में सीनियर चिकित्सकों को दरकिनार कर जूनियर चिकित्सकों की भर्ती प्राचार्य और कनिष्ठ लिपिक ने की है। दोनों अपने चहेते चिकित्सकों की भर्ती वहां कर रहे हैं, जिससे मरीजों को समय पर सही इलाज नहीं मिल रहा है। प्राचार्य की करतूतों की वजह से वहां हालात बिगडते जा रहे हैं और सरकार की मंशा पर कोई खरा नहीं उतर रहा है।
आइजीआरएस का दे दिया गलत जवाब
चिकित्सकों की भर्ती समेत अन्य मामलों की शिकायत के लिए अधिवक्ता की ओर से आइजीआरएस डाली गई तो प्राचार्य ने मनमाने तरीके से जवाब दे दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता ने बताया कि जनहित की बात पूछने पर प्राचार्य तानाशाह रवैया अपनाने लगे। किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया। वह शिकायत करने वालों पर हमलावर हो जाते हैं। इस तरह के रवैया अपनाने वाले पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।
उप प्राचार्य के लिए प्राचार्य ने शासन को भेजा जूनियर डॉक्टरों का नाम
राजकीय मेडिकल कॉलेज में उप प्राचार्य का पद रिक्त चल रहा है। इस पद के लिए प्राचार्य ने सीनियर चिकित्सकों को दरकिनार कर अपने चहेते जूनियर डॉक्टरों के नाम शासन को भेजे हैं। इस तरह से शासनादेश का उल्लंघन किया गया है।
पहले भी कई घोटालों में चर्चा में रहा है मेडिकल कॉलेज
राजकीय मेडिकल कॉलेज काफी समय से घोटालों में चर्चा में रहा है। कभी मरीजों के रेफरी का खेल, स्टेशनी, फर्नीचर खरीद ऑक्सीजन खरीद घोटाला भी चर्चा में रहा है। हालांकि ऑक्सीजन घोटाले में तत्कालीन प्राचार्य डॉक्टर धर्मेंद्र गुप्ता नप चुके हैं। मगर, जब से डॉक्टर अरुण कुमार को चार्ज मिला है तब से हालात और बिगडते जा रहे हैं।