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BHARAT Photograph: (x)
भारत दिन दूनी रात चौगुनी ऊंचाईयों पर जा रहा है। भारत आर्थिक विकास ने इसे ग्लोबल अरबपतियों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया है। भारत में हर महीने 3 नए अरबपतियों को जन्म दे रहा है।
भारत में 185 अरबपति हैं। अरबपतियों की संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 835 और चीन 427 के बाद 185 अरबपतियों साथ भारत अब दुनिया में तीसरे नंबर आ गया है। यूबीएस ने अपने लेटेस्ट बिलियनेयर एम्बिशन रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
12 महीनों में इतने अरबपति बने
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले 12 महीनों में भारत में 32 अरबपति जुड़े, जो कि लगभग 21 फीसदी की बढ़ोतरी है। और 2015 से दोगुने से भी अधिक (123 फीसदी) है। पिछले एक साल में, भारत में अरबपतियों की कुल संपत्ति 42.1 फीसदी बढ़कर 905.6 बिलियन डॉलर हो गई।
अमेरिका में 84 अरबपति जुड़े, जबकि चीन में यह संख्या 93 घट गई। अमेरिका में अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति 4.6 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर $5.8 ट्रिलियन हो गई, जबकि चीन के लिए यह 1.8 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 1.4 ट्रिलियन डॉलर हो गई।
वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति में 121 फीसदी की बढ़ोत्तरी
कुल मिलाकर, 2015 और 2024 के बीच वैश्विक स्तर पर अरबपतियों की कुल संपत्ति में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो 6.3 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 14 ट्रिलियन डॉलर हो गई। जबकि इसी अवधि के दौरान अरबपतियों की संख्या 1,757 से बढ़कर 2,682 हो गई।
भारत में अरबपतियों की संख्या में बढ़ोतरी
रिपोर्ट के मुताबिक जो वर्तमान में अपने 10वें वर्ष में है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि अगले दशक में भारत में अरबपति उद्यमियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी, ठीक वैसे ही जैसे चार साल पहले पड़ोसी देश चीन में हुई थी। इसके अलावा रिपोर्ट में भारत में 108 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध पारिवारिक व्यवसायों की पहचान की गई है, जिससे देश इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर है।
पारिवारिक व्यवसायों की महत्वपूर्ण भूमिका
रिपोर्ट में कहा गया है कि पारिवारिक व्यवसायों ने भारत के आर्थिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध पारिवारिक स्वामित्व वाले व्यवसायों की संख्या सबसे अधिक है, जिनमें से कई पीढ़ियों से फल-फूल रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पारंपरिक परिवार समर्थित समूहों से लेकर फार्मास्यूटिकल्स, एडटेक, फिनटेक और फूड डिस्ट्रिब्यूशन में इनोवेटिव बिजनेस तक, इन उद्यमियों ने नई अर्थव्यवस्था में उभरते अवसरों का लाभ उठाया है।