RBI ने घटाया रेपो रेट, मध्यम वर्ग को बड़ा फायदा, जानिए - गवर्नर संजय मल्होत्रा के बड़े ऐलान
RBI ने रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.5% कर दिया है। इससे होम लोन और EMI सस्ती होंगी। SDF और बैंक दर में भी कटौती की गई। आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने की कोशिश साफ है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 50 फीसदी कमी का ऐलान किया | यंग भारत न्यूज
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की ताजा बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5% कर दिया है। इसका सीधा फायदा होम लोन, कार लोन और बिज़नेस लोन जैसी ईएमआई पर पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज शुक्रवार 6 जून 2025 को कहा कि यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होगा। इससे बैंकिंग सेक्टर की तरलता सुधरेगी और बाजार में कर्ज लेने वालों को राहत मिलेगी।
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भारत की मौद्रिक नीति पर आज देशभर की निगाहें टिकी थीं। आज शुक्रवार की सुबह जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सामने आकर देश को संबोधित किया, तो वित्तीय बाज़ारों में हलचल तेज हो गई। उन्होंने साफ किया कि रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की गई है। यानी अब यह 6.00% से घटकर 5.5% हो गया है।
इस फैसले से सबसे बड़ी राहत उन करोड़ों भारतीयों को मिलेगी जो होम लोन, कार लोन या अन्य कर्जों की ईएमआई भर रहे हैं।
MPC (Monetary Policy Committee) decides to cut repo rate by 50bps to 5.5%: RBI Governor Sanjay Malhotra pic.twitter.com/ywHFaNYZlM
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिज़र्व बैंक देश के अन्य बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। जब इस दर में कटौती होती है, तो बैंक कम ब्याज पर आरबीआई से कर्ज ले सकते हैं और आगे उपभोक्ताओं को भी सस्ते ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं।
यहां होगा सीधा असर
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होम लोन की EMI घटेगी
नए लोन सस्ते होंगे
रियल एस्टेट सेक्टर में रफ्तार बढ़ेगी
मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी
क्या कहा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने?
आरबीआई गवर्नर ने कहा – "एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि तरलता समायोजन सुविधा के तहत नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5% किया जाए। यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होगा।"
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उन्होंने आगे बताया कि अन्य दरों में भी बदलाव किए गए हैं:
स्थायी जमा सुविधा (SDF): अब 5.25%
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक दर: अब 5.75%
फैसले से महंगाई हुई नियंत्रित
देश में पिछले कुछ महीनों में महंगाई थोड़ी नियंत्रित हुई है। खाने-पीने की चीज़ों की कीमतें स्थिर हुई हैं और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी थोड़ी राहत मिली है। ऐसे में मौद्रिक नीति को ढील देना जरूरी था, ताकि बाजार में मांग को बढ़ाया जा सके।
RBI के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर स्थिर बनी हुई है, लेकिन घरेलू खपत को और प्रोत्साहन की जरूरत है। ब्याज दरों में कटौती से उपभोक्ता ज्यादा खर्च करने को प्रेरित होंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।
बैंकिंग सेक्टर पर ऐसे होगा असर
RBI के फैसले के बाद निजी और सरकारी बैंक दोनों पर दबाव रहेगा कि वे अपने लोन पर ब्याज दर घटाएं।
विशेषज्ञों के अनुसार:
SBI, ICICI, HDFC जैसे बड़े बैंक जल्द ही अपनी लोन दरें कम कर सकते हैं।
यह बदलाव 15-30 दिन में आम ग्राहकों तक पहुंच सकता है।
EMI पर कितना असर पड़ेगा?
मान लीजिए किसी ने ₹30 लाख का होम लोन लिया है जिसकी अवधि 20 साल है और ब्याज दर 9% थी। (एक उदाहरण)
अब ब्याज दर 0.5% घटने से:
मासिक EMI में करीब ₹900 से ₹1,100 तक की राहत मिलेगी
कुल ब्याज भुगतान में लाखों रुपये की बचत हो सकती है
स्टॉक मार्केट और निवेशकों की प्रतिक्रिया
रेपो रेट में कटौती की खबर आते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बढ़त देखी गई।
बैंकिंग और रियल एस्टेट शेयरों में तेजी
एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर में भी हल्की उछाल
निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है कि आरबीआई अब ग्रोथ पर फोकस कर रहा है।
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी नई जान
पिछले कुछ महीनों में महंगाई और ऊंची ब्याज दरों के कारण रियल एस्टेट की बिक्री में गिरावट देखी गई थी। लेकिन अब रेपो रेट में कटौती से यह उम्मीद जगी है कि:
मिडल क्लास फिर से घर खरीदने के लिए आगे आएगा
डेवलपर्स को नया मौका मिलेगा प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने का
क्या अगले महीनों में और कटौती संभव है?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर महंगाई नियंत्रण में रही और वैश्विक मंदी का दबाव बना रहा, तो RBI भविष्य में और दरें घटा सकता है। इससे आर्थिक गतिविधियों को और बल मिलेगा।
पॉलिसी की प्रमुख बातें एक नजर में
पॉइंट
पुरानी दर
नई दर
रेपो रेट
6.0%
5.5%
SDF
5.75%
5.25%
MSF और बैंक दर
6.25%
5.75%
आरबीआई की नीति का निचोड़
इस बार आरबीआई ने यह साफ संकेत दिया है कि वह देश की आर्थिक तरक्की को प्राथमिकता दे रहा है। लोगों को लोन लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और बाजार की तरलता को बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।