Advertisment

सेबी चेयरमैन के बयान की चर्चा तेज, क्या जेन स्ट्रीट पर होगा बड़ा एक्शन?

सेबी चेयरमैन ने जेन स्ट्रीट मामले पर चुप्पी तोड़ी है, जिससे विदेशी ब्रोकरेज फर्मों पर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ी है। क्या सेबी आयकर विभाग के साथ जानकारी साझा कर रहा है और भारत में वित्तीय धोखाधड़ी पर शिकंजा कसेगा?

author-image
Ajit Kumar Pandey
SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पाण्डेय का SEBI निवेशक सुरक्षा अभियान | यंग भारत न्यूज

SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पाण्डेय का SEBI निवेशक सुरक्षा अभियान | यंग भारत न्यूज

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पाण्डेय ने हाल ही में जेन स्ट्रीट मामले पर अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि हर जांच एजेंसी की अपनी सीमाएं होती हैं, लेकिन जब जानकारी मिलती है तो उसे साझा किया जाता है। यह मामला दिखाता है कि कैसे विदेशी ब्रोकरेज हाउस भारतीय वित्तीय बाजार में बड़े पैमाने पर हेरफेर कर रहे हैं। इस खुलासे के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सेबी इन पर कड़ा एक्शन लेगा और क्या आयकर विभाग को भी जानकारी दी गई है?

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों (FPI) की बढ़ती दिलचस्पी के साथ-साथ उनके कामकाज पर भी सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में जेन स्ट्रीट (Jane Street) जैसी बड़ी विदेशी ब्रोकरेज फर्म्स के खिलाफ कुछ गंभीर आरोप सामने आए हैं। इन आरोपों के केंद्र में है कि ये फर्म्स भारतीय शेयर बाजार में कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं, जिससे बाजार की पारदर्शिता और स्थिरता पर सवालिया निशान लग गया है।

जेन स्ट्रीट, एक प्रतिष्ठित विदेशी ब्रोकरेज हाउस, पर आरोप है कि उसने कुछ भारतीय ब्रोकरेज फर्म्स का इस्तेमाल करके गैर-कानूनी तरीके से ट्रेडिंग की है। यह मुद्दा तब और गरमा गया जब सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पाण्डेय से इस बारे में सवाल किया गया। उन्होंने साफ कहा कि हर एजेंसी की अपनी सीमाएं होती हैं और वे अपने नियमों के दायरे में रहकर काम करती हैं। उनका यह बयान कई सवाल खड़े करता है।

क्या आयकर विभाग को जानकारी दी गई है?

सेबी के चेयरमैन के बयान के बाद यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है कि क्या सेबी ने जेन स्ट्रीट से जुड़ी जानकारी आयकर विभाग के साथ साझा की है? हालांकि सेबी चेयरमैन ने सीधा जवाब देने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने पर एजेंसियों के बीच उसे साझा किया जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि सेबी ने अपनी जांच के दौरान मिली जानकारी को अन्य एजेंसियों तक पहुंचाया है।

Advertisment

जेन स्ट्रीट का मामला: क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

विदेशी फर्म्स की भूमिका: जेन स्ट्रीट जैसी फर्म्स का इस तरह के मामलों में शामिल होना भारतीय बाजार की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

बाजार में हेरफेर: यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह सीधे तौर पर बाजार में हेरफेर का मामला है, जो छोटे निवेशकों के लिए बेहद खतरनाक है।

Advertisment

सेबी की विश्वसनीयता: सेबी की कार्रवाई इस मामले में कितनी प्रभावी होती है, यह उसकी विश्वसनीयता के लिए एक बड़ा टेस्ट होगा।

सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पाण्डेय का यह कहना कि 'जानकारी बड़े पैमाने पर सार्वजनिक डोमेन में है' यह दर्शाता है कि एजेंसियां इस मामले से पूरी तरह वाकिफ हैं। अब देखना यह है कि क्या सेबी जेन स्ट्रीट और उसके सहयोगी ब्रोकरेज हाउसों के खिलाफ सख्त कदम उठाती है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा। इस खबर का असर न केवल ब्रोकरेज फर्मों पर बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक बड़ी सीख हो सकता है।

सेबी के चेयरमैन का बयान भले ही सीधा न हो, लेकिन यह संकेत देता है कि इस मामले की गंभीरता को समझा जा रहा है। भारतीय बाजार में पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि इस तरह के मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई हो। आने वाले दिनों में सेबी की तरफ से कोई बड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है, जिससे वित्तीय बाजार में एक मजबूत संदेश जाएगा।

Advertisment

 Tuhin Kant Pandey

SEBI Tuhin Kant Pandey SEBI chairman
Advertisment
Advertisment